उन्होंने बताया कि बच्चे की तीन माह की फीस बकाया है, जिसे किसी भी हाल में 15 मार्च तक जमा करना है। 22 मार्च से नए सेशन में एडमिशन होना है, उसकी फीस जमा करने के साथ ही कॉपी-किताब भी खरीदना है। इनकम टैक्स भी भरना है। ये खर्चे तो परेशान कर ही रहे थे, दूसरी तरफ मंथ के लास्ट वीक में होली भी है। गुजिया, मिठाई, रंग और पत्नी बच्चों के लिए कपड़े भी खरीदने हैं। अब इतने पैसे मैं कहां से लाउं। यह एक बड़ा चैलेंज सामने आया है। केवल राघवेंद्र ही परेशान नहीं हैं, बल्कि मार्च माह शुरू होते ही शहर के 70 परसेंट लोग ऐसी परेशानी से गुजर रहे हैं।

बैंककर्मियों को लोन जमा कराने का टास्क

मार्च महीने में बैंककर्मियों को भी बैंक के बकाएदारों से पैसे जमा कराने का टास्क मिला है। बैंक मैनेजर कर्मचारियों के साथ घूम-घूमकर बकाएदारों के घर जा रहे हैं। उनसे पैसे जमा कराने के लिए एड़ी चोटी एक कर रहे हैं। बकाएदार कार्रवाई से बचने के लिए लोन के पैसे जमा कर रहे हैं।

31 मार्च से पहले पूरा करने होंगे यह काम -

। पेनाल्टी से बचने के लिए मार्च माह में एडवांस टैक्स भरना जरूरी है।

। सीए को देना होता है फाइलिंग चार्ज।

। एलआईसी की पेंडिंग किश्त जमा करनी होती है।

। सुकन्या, समृद्धि समेत सभी योजनाओं की पेंडिंग किश्त जमा करनी होती है।

। जीएसटी जमा करना होता है।

इतने खर्चे एक साथ

। घर की ईएमआई

। घर का किराया

। होली पर्व का खर्च

। स्कूल की फीस

। कॉपी किताब की खरीदारी

। बच्चों की नई स्कूल ड्रेस

। होली में पत्नी बच्चों को नए कपड़े

। घर का राशन

। कार लोन

। बाइक लोन

। सिलेंडर

मार्च में बदला मौसम तो दवा का बढ़ा खर्च

मार्च महीने में अचानक मौसम ने भी करवट ली है। इस कारण हर घर में कोई ना कोई बीमार हो रहा है। जिला अस्पताल की ओपीडी की बात करें तो यहां हर दिन बुखार, सर्दी, खांसी, पेट दर्द की शिकायत के 1500 से 2000 तक मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं। दवा की दुकानों पर भी भीड़ जमा रह रही है। मार्च में इलाज और दवा का खर्च भी पब्लिक को परेशान कर रहा है।

मार्च माह में सामने ढेर सारे खर्चे एक साथ आ गए हैं। आईटीआर भरना है, बच्चों की फीस, नए सेशन में एडमिशन भी कराना है और कॉपी किताब के साथ ही होली पर्व में भी पैसे खर्च होंगे। यह महीना थोड़ा तनावग्रस्त रहता है।

- सोनिया, हाउस वाइफ

मार्च महीने में क्लोजिंग रहता है। इस वजह से इस महीने भागदौड़ काफी बढ़ जाती है। अधिक से अधिक पॉलिसी पर भी जोर रहता है ताकि फाइनेंशियल इयर अच्छा रहे। इसके साथ ही अन्य टास्क पूरे करने होते हैं। वहीं मार्च महीने में बच्चों की फीस और अन्य मद में काफी खर्च होते हैं।

धीरेन्द्र प्रताप सिंह, डीओ, एलआईसी

मार्च महीना तनाव देने वाला होता है। इस महीने में बैंक, एलआईसी किश्त, बच्चों की अतिरिक्त फीस और अन्य मद में काफी खर्च होता है। हालांकि, तनाव से बचने की काफी कोशिश रहती है। लेकिन प्रॉब्लम आई है तो उसे फेस भी करना है।

सोनी पाण्डेय, हाउस वाइफ

स्कूल से मैसेज आया है कि बच्चे की बाकी फीस जमा करें तभी बच्चा अगली क्लास में जाएगा। दूसरी तरफ इसी महीने एडमिशन भी करवाने हैं। होली पर्व में भी पैसे खर्च होने हैं, कहां से आएंगे इतने पैसे, इसको सोचकर टेंशन हो गई है।

शिशिर त्रिपाठी, बिजनेसमैन