गोरखपुर (ब्यूरो)। दवा लेने के लिए जब वह काउंटर पर पहुंची तो कैल्शियम और ऑयरन की दवा नहीं मिली। वह मायूस होकर लौट गई। बाहर के मेडिकल स्टोर पर दवा लेने के बाद घर चली गई। यह एक ही मामला नहीं हैं। इस तरह के कई मामले हैं, जहां अधिकांश मरीजों को बिना दवा के लिए बैरंग लौटना पड़ रहा है।

'मार्च महीना चल रहा, दवा नहीं आ रहीं

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट रिपोर्ट सोमवार को दवा काउंटर पर पहुंचा। काउंटर पर दवा लेने वाले मरीजों की लंबी कतार नजर आई। एक मरीज ने अपना पर्चा दिया, उधर से आवाज आई। एक ही दवा है और दवाएं बाहर से लेनी होगी। मरीज ने बोला क्या दवा नहीं हैं। अंदर से फिर आवाज आई, मार्च महीना चल रहा है। इसलिए पर्याप्त बजट नहीं होने के चलते दवाएं नहीं आ रही है। इस समय कैल्शियम, ऑयरन, झटके और हार्ट के दवाओं की किल्लत है। डिमांड भेजी गई है। आने के बाद भी मिलेगी। इतना ही नहीं बच्चों का सिरप पैरासिटामॉल भी खत्म है।

मेडिकल से दवा खरीदे भेज रहे

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में दवाओं का संकट उत्पन्न हो गया है। अस्पताल में इस समय कैल्शियम, ऑयरन, झटके की दवा, हार्ट की दवा समेत कई दवाएं नहीं हैं। दवा काउंटर से ज्यादातर मरीजों को बाहर के मेडिकल स्टोर भेजा जा रहा है। इसके चलते मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

जेम पोर्टल से हो रही दवाओं की खरीद

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में दवाओं की खरीद निविदा जेम पोर्टल से हो रही है। कई बार जो दवाएं चाहिए होती है वह पोर्टल पर उपलब्ध नहीं होती या फिर कंपनी उसकी सप्लाई नहीं कर पाती। दवाओं के संकट की वजह से मरीजों को परेशानी होती है। हालांकि अस्पताल प्रशासन का दावा है कि भर्ती मरीजों को सभी दवाएं मिल जाती हैं, आउटडोर मरीजों को कभी-कभार सभी दवाएं नहीं मिल पाती हैं।

रिपोर्ट-हमें कैल्शियम आयरन की दवा चाहिए

फार्मासिस्ट- अभी दवाएं नहीं है, मार्च महीना चल रहा है

रिपोर्ट-क्या दवाओं की डिमांड की गई है

फार्मासिस्ट-दवाओं की डिमांड पिछले महीने की कमी कई हैं, उम्मीद है कि जल्द आ जाएगी

रिपोर्ट- कहां से आती है दवाएं

फार्मासिस्ट- जेम पोर्टल से दवाओं की खरीद की जाती है

रिपोर्ट- क्या ऑर्डर दिया गया है

फार्मासिस्ट- ऑर्डर दिए गए हैं

रिपोर्ट-भर्ती मरीजों का दवाएं मिल रही है

फार्मासिस्ट- भर्ती मरीजों का दवाएं मिल रही है लेकिन आउटडोर मरीजों के लिए दवाएं कम हैं

दवाओं के संबंध में एसआईसी और सीएमएस से वार्ता की जाएगी। जरूरत पडऩे पर दवाओं की पर्चेजिंग कराई जाएगी। ताकि मरीजों को दवाएं उपलब्ध हो सकें।

राम कुमार जायसवाल, प्रिंसिपल, बीआरडी मेडिकल कॉलेज