गोरखपुर (ब्यूरो)।ऐसे में जिन बीमार पेशेंट्स का आयुष्मान कार्ड नहीं बन पा रहा है, वे रुपए के अभाव में इलाज के लिए लाचार दिख रहे हैं।

नए वर्जन के पोर्टल से हुई प्रॉब्लम

मिली जानकारी के अनुसार नए वर्जन का पोर्टल लांच होने की वजह से यह प्रॉब्लम आई है। फिलहाल सॉफ्टवेयर की यह प्रॉब्लम अभी और कुछ दिनों तक रहेगी। जिससे आयुष्मान कार्ड के लाभार्थियों को थोड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। अभी कुछ लाभार्थियों का डाटा फेच नहीं हो पा रहा है, लेकिन जल्द ही लाभार्थियों को इन समस्याओं से निजात मिल जाएगी।

2.0 में नहीं आए बैकअप

दरअसल पेशेंट्स के आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए पहले वीआईसी-1.0 पोर्टल का इस्तेमाल किया जाता था। लेकिन अब वीआईएस-2.0 वर्जन का नया पोर्टल शुरू हुआ है। न्यू वर्जन होने की वजह से अभी पुराने वर्जन के बैकअप नहीं आए हैं। जिससे लाभार्थियों का डाटा फेच होने में प्रॉब्लम आ रही है। यही वजह है कि लिस्ट में जिन होल्डरों का नमा है, उनका नाम पोर्टल पर अभी नहीं दिख रहा है।

आधार वेरिफिकेशन में प्रॉब्लम

मिली जानकारी के अनुसार आयुष्मान होल्डर का एचएच आईडी में आधार वेरिफिकेशन की प्रॉबलम आने की वजह से आयुष्मान कार्ड नहीं बन पा रहा है। साथ ही नए पोर्टल पर आवेदन करने वाले आयुष्मान कार्ड होल्डर का नाम तक शो नहीं कर रहा है। इसके नाते कार्ड बनाने में समस्या बनी हुई है।

14 लाख लोगों का नहीं बन सका कार्ड

यह स्थिति सिर्फ राम कुमार की नहीं है। जिले में 19 लाख लाभार्थियों में से 14 लाख 20 हजार का अब तक कार्ड ही नहीं बन सका है। पेशेंट के इलाज के लिए लाभार्थी कार्ड बनवाने को अफसरों से लगायत जनसुविधा केंद्रों तक का चक्कर काट रहे हैं लेकिन कुछ नहीं हो पा रहा है।

19 लाख कुल आयुष्मान होल्डर

5.98 लाख से अधिक बनाए गए आयुष्मान कार्ड

25 हजार के करीब सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी होने की वजह से आयुष्मान कार्ड नहीं बने।

नए सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी होने की वजह से प्रॉब्लम आ रही है। इसके लिए टेक्निशियन से बात की गई हैं। उम्मीद है कि जल्द ही प्रॉब्लम दूर कर लिया जाएगा।

- डॉ। एके सिंह, डिप्टी सीएमओ