गोरखपुर (ब्यूरो)। कई बार नगर निगम ने सख्ती की, लेकिन संबंधित महकमे पर कोई असर नहीं हुआ। जबकि छोटे बकायादारों पर नगर निगम अपील के साथ चाबुक भी चला रहा है। यही वजह है कि निगम की टैक्स से आय की रफ्तार सुस्त है। हालांकि, एक बार फिर नगर निगम ने सरकारी विभागों से टैक्स वसूली के साथ सख्ती शुरू की है। निगम के अफसरों का कहना है कि अगर समय रहते टैक्स नहीं जमा हुआ तो प्रॉपर्टी सील की कार्रवाई भी की जा सकती है। 100 करोड़ का सालाना वसूली का लक्ष्य लेकर चल रही नगर निगम को गवर्नमेंट राह में रोड़ा बने हैं।

जीआईएस सर्वे ने बढ़ाई मुश्किल

जीआईएस सर्वे ने गोरखपुराइट्स की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, जिन घरों पर जीआईएस सर्वे पूरा हो चुका है। वहां पर टैक्स में भारी बढ़ोतरी हो चुकी है। मकान मालिक भारी भरकम बिल देखकर चकरा रहे हैं। कुछ ने गलत सर्वे होने का आरोप भी लगाया है। आपत्तियों पर निगम के अफसर जांच कर रहे हैं।

रेलवे पर सबसे अधिक बकाया

नगर निगम का सबसे अधिक बकाया रेलवे डिपार्टमेंट पर है। रेलवे पर 19.16 करोड़ रुपए देनदारी है। नगर निगम रेलवे से सर्विस टैक्स लेता है। नगर निगम समय-समय पर रेलवे के अफसरों से संपर्क कर टैक्स जमा करने की अपील करता रहा है, लेकिन वसूली चंद रुपए की हो सकी है। नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल का कहना है कि चाहे कोई भी हो, जो भी टैक्स के दायरे में आएगा। उससे वसूली की जाएगी।

बिजली विभाग दे रहा झटके

बिजली विभाग पर नगर निगम का 11.16 करोड़ रुपए बकाया है। नगर निगम के अफसरों का कहना है कि नोटिस देकर टैक्स जमा करने की अपील की जा रही है। इसके बाद भी अभी तक टैक्स जमा नहीं किया गया है। मुख्य कर ऑफिसर विनय राय ने बताया कि टैक्स वसूलने के लिए टीम को लगाया गया है।

10 हजार लोगों को नोटिस

नगर निगम शॉपिंग मॉल, मैरिज हाउस समेत 10 हजार बड़े बकायादारों को टैक्स जमा करने की नोटिस दे रहा है। एक हजार लोगों का काम पूरा भी हो गया है। नगर निगम का कहना है कि टैक्स में छूट दी जा रही है। कुछ लोग जानबूझकर टैक्स को जमा नहीं कर रहे हैं।

इन पर इतना बकाया

उच्च शिक्षण संस्थान 8.36 करोड़

बिजली विभाग 11.16 करोड़

पीडब्ल्यूडी 2.14 करोड़

सुरक्षा 1.2 करोड़

रेलवे 19.16 करोड़

डाक विभाग 2.1 करोड़

सरकारी विभागों से टैक्स जमा करने के लिए अपील की जा रही है। इसके बाद सख्ती की जाएगी। चेतावनी भी दी गई है कि समय से टैक्स जमा किया जाए।

दुर्गेश मिश्र, अपर नगर आयुक्त