गोरखपुर (ब्यूरो)। शासन के दिशा-निर्देश पर परिवहन निगम ने रूरल एरिया की सड़कों पर प्रत्येक तीन किमी और शहरी एरिया में प्रत्येक पांच किमी पर फेयर बस स्टॉप बनाने का निर्णय लिया है।

पांच कैटेगरी में सेवा

परिवहन निगम ने पैसेंजर्स की सुविधा, अधिक संख्या में बसों के संचालन ओर आय में इजाफा के लिए नई नीति निर्धारित की है। नई नीति के तहत पांच कैटेगरी में रोडवेज की बस सेवा संचालित होगी। बस सेवा की गति सीमा भी फिक्स कर दी गई है। इन सभी सेवाओं के लिए अलग-अलग किराया और टिकट जारी किए जाएंगे। बसों के अलावा टिकटों पर भी सेवा की श्रेणी अंकित रहेगी।

गोरखपुर रीजन में 750 बसें शामिल

गोरखपुर रीजन के बेड़े में लगभग 750 बसें शामिल हैं। परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक मासूम अली सरवर ने 31 जनवरी को सभी आरएम और एसएम को पत्र लिखकर नई व्यवस्था को लागू करने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिया है।

अब रोडवेज की ये बस सेवाएं -

ग्राम्य सेवा

बसें प्रतिदिन या वैकल्पिक दिवस पर गांव में ही रात में रुकेंगी। बसें सभी स्टाप पर रुकते हुए चलेंगी। बस की औसत गति 40 किमी प्रति घंटे होगी।

स्थानीय शटल सेवा

बसें 2 जनपद की सीमा के अंदर संचालित होंगी। 50 किमी की परिधि में 50 प्रतिशत बसें बेड़े से संचालित होंगी। बसें सभी स्टॉप पर रुकेंगी। बसें एक से अधिक फेरे में भी चलाई जाएंगी। इनकी औसत गति 46 किमी प्रति घंटे होगी।

सीमित स्टॉप सेवा

बसें निर्धारित स्टॉप पर ही रुकेंगी। बस पर किराया लिस्ट में अंकित रहेगा। 5000 जनसंख्या से कम गांव व कस्बा में नहीं रुकेंगी। इनकी औसत गति 60 किमी प्रति घंटे निर्धारित की गई है।

एक्सप्रेस सेवा

गतिमान बसें चलाई जाएंगी। 25 हजार व उससे अधिक जनसंख्या वाले गांव व कस्बे में ही बसें रुकेंगी। इन बसों की औसत गति 60 किमी प्रति घंटे होगी।

सुपरफास्ट सेवा

गतिमान बसें न्यूनतम 54 किमी प्रति घंटे होगी। यह बसें 35 हजार व उससे अधिक जनसंख्या वाले उपनगर, तहसील स्तरीय उपनगरों व उच्च नगरों में ही रुकेंगी।

गोरखपुर जिले में पैसेंजर्स को बेहतर सुविधा मुहैया कराने की दिशा में काम चल रहा है। परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक के दिशा-निर्देश पर रूरल बस स्टॉप बनाने के लिए सर्वे का कार्य चल रहा है। सर्वे की रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। अनुमति मिलने का बाद कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

- लव कुमार सिंह, आरएम गोरखपुर रीजन