गोरखपुर (ब्यूरो)।चूंकि, जिंदगी बार-बार नहीं मिलती। इसलिए हम सभी को सजग होकर सड़कों पनर निकलना होगा। गोरखपुर में क्राइम से न्यूनतम तो हादसों से सर्वाधिक मौतें हो रही हैं। साल 2023 के आंकड़ों पर अगर गौर करें तो 20 दिसंबर तक 1419 हादसे हुए हैं, जिसमें 558 लोगों ने जान गंवाई है। जबकि 2022 में 1282 हादसे हुए, जिनमें 530 लोगों की मौत हुई थी। इन दो साल में मर्डर के करीब 98 मामले सामने आए। यह आंकड़े बता रहे हैं कि सख्त कानून से मर्डर तो कम हुए हैं, लेकिन ट्रैफिक पुलिस और ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के अवेयरनेस प्रोग्राम और सख्ती हादसों को रोक पाने में असफल रहे हैं। इतनी मौत होने के बाद भी पब्लिक अपनी जिंदगी का मोल नहीं समझ रही है, जिससे हादसे के शिकार लोग हो रहे हैं, लिहाजा पब्लिक को सड़क पर निकलते समय सेफ्टी फस्र्ट रूल को फॉलो करना होगा।

34 परसेंट टू व्हीलर शिकार

2023 की बात करें तो हादसों में 558 लोगों ने जान गंवाई है। जबकि घायलों की संख्या 696 रही। वहीं, 1008 बाइकर्स हादसे के शिकार हुए। इसमें 34 परसेंट से ज्यादा टू व्हीलर सवार हादसे के शिकार हुए। हादसों के शिकार ज्यादातर बाइक सवार हैं। वे या तो हेलमेट नहीं पहने थे या फिर ओवर स्पीड में बाइक चला रहे थे। इतना ही नहीं ट्रैफिक नियमों की अनदेखी और दूसरे गाड़ी सवार की गलती से हुए हादसे में बाइक सवारों की मौत हुई है।

ओवर स्पीड में बाइक चलाना।

गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात करना।

शराब पीकर गाड़ी चलाना।

हेड लाइट खराब होने पर भी गाड़ी चलाना।

गाड़ी के ब्रेक ठीक न होना।

गलत दिशा में गाड़ी चलाना।

बाएं तरफ से ओवरटेक करना।

ओवरस्पीड में गाड़ी को मोडऩे पर।

यू टर्न में असावधानी बरतने में।

इस तरह हादसे से बचें

- हेलमेट लगाकर बाइक और सीट बेल्ट लगाकर कार चलाएं।

- आगे चल रही गाड़ी से उचित दूरी बनाए रखें।

- गाड़ी चलाते समय उसके ब्रेक और लाइट चेक कर लें।

- हमेशा दाहिने ओर से गाड़ी को ओवरटेक करें।

- गाड़ी को तय स्पीड पर ही चलाएं।

- शराब पीकर गाड़ी न चलाएं, मोबाइल का भी प्रयोग न करें।

गोरखपुर के ब्लैक स्पॉट

। नौसड़ एनएच 29

। कालेसर एनएच 29

। बोक्टा दाना पानी एनएच 28 गीडा

। भीटी रावत

। कसरौल

। कोनी मोड़

। कुस्मही

। चौमुखा

। मरचाही कुटी

। रावतगंज

। फुटहवां इनार

। रामनगर करजहा

। निबियहवा ढाला

ब्लैक स्पाट्स पर सुधार नहीं

जबकि रोड एक्सीडेंट्स ने साल 2023 में रिकॉर्ड बना दिया। 6 दिसंबर को कमिश्नर की अध्यक्षता में जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक हुई। इस दौरान पीडब्ल्यूडी की ओर से जिले में चिन्हित सभी सात ब्लैक स्पॉट पर सुधारात्मक कार्यवाही के निर्देश दिए गए थे, लेकिन दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के रियलिटी चेक में सामने आया कि ब्लैक स्पॉट पर सुधारात्मक कार्य नहीं हुए। शहर के एंट्री प्वाइंट नौसढ़, दाना पानी (बोक्टा) और पीपीगंज में सुधारात्मक कार्य अधूरे हैं।

एक नजर में एक्सीडेंट

वर्ष -- सड़क दुर्घटना शिकार व्यक्ति -- मौत--- घायल

2023 1419 1254 - 558 - 696

2022 1328 1348 - 533 - 815

2021 1016 1171 - 441 - 730

कुल 3763 3773 - 1532 - 2241

वाहन से हुए हादसे

दो पहिया वाहन ---1008 (34 परसेंट)

चार पहिया वाहन 489 (16 परसेंट)

दुर्घटना का स्थान

खुले स्थान पर 1173 (39 परसेंट)

मार्केट में 1098 (37 परसेंट)

हाइवे पर 394 (13 परसेंट)

नेशनल हाइवे पर 703 (23 परसेंट)

साल 2023 में दुर्घटना और मौत

माह दुर्घटना मौत

जनवरी 95 35

फरवरी 135 54

मार्च 119 46

अप्रैल 95 42

मई 122 42

जून 144 66

जुलाई 105 35

अगस्त 109 36

सितंबर 103 32

अक्टूबर 98 24

नवंबर 45 19

प्रमुख सड़क हादसे

22 दिसंबर को सिकरीगंज स्थित यूएस सेंट्रल एकेडमी स्कूल की बस अलग-अलग गांव के बच्चों को लेकर स्कूल जा रही थी। स्कूल से महज तीन सौ मीटर पहले डंपर को ओवरटेक करने के चक्कर में तेज रफ्तार स्कूल बस अनियंत्रित होकर सड़क किनारे गड्ढे में पलट गई, जिसमें 2 स्कूली बच्चों की मौत हो गई।

9 नवंबर की देर रात गोरखपुर-कुशीनगर हाईवे पर जगदीशपुर के पास रोडवेज की अनुबंधित बस में तेज रफ्तार डीसीएम ने टक्कर मार दी। हादसे में छह यात्रियों की मौत हो गई, 25 घायल हो गए।

कल से रोड सेफ्टी वीक

लगातार बढ़ रहे रोड एक्सीडेंट की रोकथाम के लिए हर साल 11 से 17 जनवरी तक नेशनल रोड सेफ्टी वीक मनाया जाता है। सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को सड़क सुरक्षा के महत्व को समझाना होता है। यह सप्ताह लोगों को ये समझाने के लिए है कि सड़क सुरक्षा को लेकर हमारी जिम्मेदारी क्या है और हमें कैसे सड़क पर सुरक्षित रहना चाहिए। सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान सड़क सुरक्षा के महत्व को लोगों तक पहुंचाने के लिए विभिन्न प्रोग्राम होते हैं।

लगातार सभी जगहों पर अवेयरनेस प्रोग्राम चल रहे हैं। पब्लिक अवेयर हुई है। कुछ लोग ऐसे हैं, जो ट्रैफिक रूल का पालन नहीं करते हैं, जिसके कारण कभी-कभी ऐसे लोग भी हादसे का शिकार हो जाते हैं।

श्याम देव, एसपी ट्रैफिक