गोरखपुर (ब्यूरो).घटना का खुलासा करते हुए एसपी जीआरपी डॉ। अवधेश सिंह ने बताया कि 7 सितंबर की रात 11 बजे महिला अपने परिचित युवक के साथ धर्मशाला रेलवे अंडरपास पुल के पास टूटे हुए टयूबवेल पर लगे शिलापट पर बैठी थी। इस बीच तीन युवक वहां पहुंचे और महिला के परिचित युवक को वहां से डरा-धमकर कर भगा दिए। महिला को ट्यूबेल के पीछे झाडिय़ों में ले जाकर बारी-बारी से गैंगरेप किया। हालांकि पहले पुलिस ने इस मामले में महिला के परिचित युवक को ही उठाया था। जिसके जरिए आरोरियों की पहचान हुई, हालांकि पुलिस ने बाद में उसे छोड़ दिया।

रेलवे लाइन किनारे किया गैंगरेप

महराजगंज जिले की रहने वाली 25 साल की विवाहिता पति से विवाद के बाद उसका तलाक हो गया था। महिला एक हफ्ते पहले गोरखपुर आ गई थी। यहां उसे रहने का कोई ठिकाना नहीं मिला तो वह रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक के आउटर और धर्मशाला बाजार पुल के बीच गुजारा कर रही थी। बीते बुधवार रात करीब 12 बजे तीन लोगों ने उसे अकेला पाकर किडनैप कर लिया।

गंभीर हालत में खुद थाने पहुंची थी पीडि़ता

घटना के बाद गुरूवार को पुलिस ने एक संदिग्ध को उठाया था्र उससे पूछताछ के बाद पुलिस अन्य आरोपियों तक पहुंच भी गई। उधर, अस्पताल में होश आने के बाद पीडि़ता ने पुलिस को सारी बात बताई। उसके साथ तीन युवकों ने गैंगरेप किया। महिला ने इस घटना में चौथे अपने परिचित युवक के शामिल होने की बात से इंकार कर दिया। विरोध करने पर दरिंदों ने पीटकर उसे घायल भी कर दिया। दरिंदों के चंगुल से छूटने के बाद घायल हालत में जीआरपी थाने पहुंची।

यहां रहते हैं आरोपी

एसपी जीआरपी ने बताया, पकड़े गए आरोपियों की पहचान देवरिया जिले के सलेमपुर के भटवा धर्मपुर वार्ड नंबर-5 के रहने वाले राजा उर्फ इम्तियाज 22 के, दूसरे की बिहार के बेगुसराय के गंदौली थाना राखो के रहने वाले अंकित पासवान 19 और तीसरे की गोरखपुर के शाहपुर इलाके के कृष्णा नगर कॉलोनी के रहने वाले संतोष चौहान 21 के रूप में हुई। सभी आरोपियों को पुलिस ने रविवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।

गैंगरेप के बाद 4 दिनों तक स्टेशन पर ही बैठे रहे आरोपी

घटना का खुलासा करते हुए एसपी जीआरपी ने बताया कि सभी आरोपियों को रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 9 से अरेस्ट किया गया है। इस मामले के आरोपियों को पकडऩे के लिए एसपी क्राइम इंदु प्रभा सिंह के नेतृत्व में गोरखनाथ और शाहपुर थाने की एक टीम बनाई गई थीं। इसी तरह जीआरपी ने भी पांच टीमे बनाई थीं, लेकिन सभी आरोपी घटना स्थल के पास से ही अरेस्ट हुए। इतनी बड़ी घटना को अंजाम देने के बाद बदमाश रेलवे स्टेशन पर ही बैठे रहे। जबकि इतनी पुलिस की टीमें उन्हें पूरे शहर से लगाए अन्य जगहों पर तलाश रही थी।