केस दर्ज कराकर जांच को भूल गए जिम्मेदार
सांसद के मुकदमे में भी जांच की धीमी रफ्तार
GORAKHPUR: जिले में नेताओं के बड़े मामलों में मुकदमे दर्ज कर पुलिस अक्सर भूल जाती है। वीआईपी से जुड़े प्रकरण में विवेचक ज्यादा तेजी नहीं दिखा पाते। नेताओं की सुस्ती से भी ऐसे मामलों के अंजाम तक पहुंचने में विलंब होता है। भाजपा सांसद के मामले में भी जांच की रफ्तार धीरे-धीरे सुस्त पड़ती जा रही है। जांच अधिकारी भी सभी पक्षों का बयान लेकर कार्रवाई करने की बात कर रहे हैं। इसके पूर्व भी जिले में कई मामले दर्ज कराएं, जिनमें कार्रवाई की प्रक्रिया काफी स्लो रही। पुलिस अधिकारियों का कहना कि मुकदमा दर्ज कर जांच कराई जाती है। यदि किसी के शामिल होने की बात सामने आती है तो कार्रवाई की जाती है। फिलहाल तमाम मामले पेडिंग चल रहे हैं जिन पर पुलिस की जांच नौ दिन में चले ढाई कोस के बराबर होकर रह गई है। एक साल में आधा दर्जन से अधिक केसेज सामने आ चुके हैं।
इस वजह से होता विलंब
-किसी वीआईपी के खिलाफ दर्ज प्रकरण पर सबकी नजर होती है।
-जांच की जल्दबाजी में किसी तरह की भूल-चूक होने पर खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
-एमपी, एमएलएस सहित अन्य जनप्रति?निधियों के प्रोटोकॉल का ध्यान भी रखना पड़ता है।
-कई मामलों में मुकदमा दर्ज कराने वाले नेता खुद ही इसको लेकर गंभीर नहीं नजर आते।
-आरोप- प्रत्यारोप के मामले में विवेचक समय से साक्ष्य नहीं जुटा पाते हैं।
-कई मामलों में शिकायतकर्ता, वादी ही अपने बयान से मुकर जाते हैं। शिकायत वापस ले लेते हैं।
ये मामले चल रहे पेडिंग
29 जून 2020: कैंट एरिया के हॉस्पिटल में विवाद, सांसद सहित अन्य लोगों पर मुकदमा, सांसद भी दूसरे पक्ष पर एफआईआर दर्ज कराई।
30 अक्टूबर 2019: एमएलसी के फर्जी लेटर पैड पर सीएम के पास शिकायत पहुंची। इस पर जवाब तलब होने पर एमएलसी को मामले की जानकारी हुई। उन्होंने 30 अक्टूबर को इस मामले में कैंट थाना में मुकदमा दर्ज कराया।
30 नवंबर 2019: विधायक के पैड पर सड़क निर्माण के ठेके में सिफारिश की गई। इसकी जानकारी होने पर विधायक ने गोरखनाथ थाना में मुकदमा दर्ज कराया।
26 सितंबर 2019: निषाद पार्टी से जुड़े नेता के खिलाफ शाहपुर थाना में रेप की शिकायत दर्ज कराई गई। इस मामले की जांच लापता हो गई। पुलिस का कहना है कि पीड़िता ने दोबारा संपर्क नहीं किया।
जिन भी मामलों की शिकायत दर्ज होती है। उनमें पुलिस जांच करती है। मुकदमों में पर्याप्त साक्ष्य जुटाकर कार्रवाई की जाती है। सामने आने वाले तथ्यों के आधार पर ही रिपोर्ट आगे भेजी जाती है।
डॉ। सुनील गुप्ता, एसएसपी