-1600 रुपए जांच की फीस निर्धारित, दाम कम करने को लेकर हो रहा विरोध

-हॉस्पिटल में प्रेग्नेंट महिलाओं की जांच में सबसे ज्यादा प्रॉब्लम

<-क्म्00 रुपए जांच की फीस निर्धारित, दाम कम करने को लेकर हो रहा विरोध

-हॉस्पिटल में प्रेग्नेंट महिलाओं की जांच में सबसे ज्यादा प्रॉब्लम

GORAKHPUR: GORAKHPUR: गोरखपुर में कोरोना सैंपलिंग के रेट कम किए जाने के बाद इसका विरोध शुरू हो गया है। पिछले तीन दिनों से प्राइवेट पैथोलॉजी ने कोई जांच नहीं की है, जिससे जरूरी मरीजों की प्रॉब्लम बढ़ गई है। हालत यह है कि वह मरीज जो गवर्नमेंट फैसिलिटी अवेल करने से कतरा रहे हैं, उन्हें सबसे ज्यादा मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। जांच न होने से लोग इधर-उधर भटक रहे हैं, मगर अब तक इस मामले में कोई फैसला न होने से किसी को राहत नहीं मिली है। इस मामले में पैथोलॉजी एसोसिएशन सोमवार को डीएम से मुलाकात कर अपनी समस्याओं से अवगत कराएगा।

कोविड रिपोर्ट जल्दी पाने के लिए प्राइवेट का रुख

गोरखपुर में कोविड रिपोर्ट जल्दी पाने के लिए ज्यादातर लोग प्राइवेट पैथोलॉजी का रुख कर रहे हैं। गोरखपुर में पैथोलॉजी इमरजेंसी के अकॉर्डिग वर्क कर रही है और सेम डे रिपोर्ट दे दे रही हैं। बहुत देर होने पर भी अगले दिन रिपोर्ट मिल जा रही है। मगर दूसरे लैब्स में ऐसा नहीं है। वहां पेशेंट्स को तीन-तीन दिन इंतजार करना पड़ रहा है। ऐसे में प्रेग्नेंसी, ऑपरेशन और ऐसी बीमारियां, जिसमें कोविड-क्9 की टेस्ट रिपोर्ट जरूरी है, उसके लिए लोग प्राइवेट पैथोलॉजी का सहारा ले रहे हैं, लेकिन पिछले तीन दिनों से जांच ठप हो जाने की वजह से उन्हें जांच के लिए प्रॉब्लम फेस करनी पड़ रही है।

क्म्00 रुपए निर्धारित किया है रेट

उत्तर प्रदेश सरकार ने प्राइवेट पैथोलॉजी में हो रही कोविड-क्9 की जांच के लिए क्म्00 निर्धारित कर दिए हैं। इस फैसले के बाद प्राइवेट पैथोलॉजी ने जांच बंद कर दी है। उनका कहना है कि क्म्00 रुपए में जांच की कॉस्ट भी नहीं निकल पा रही है। एक टेस्ट पर करीब क्900 से ख्000 रुपए कॉस्ट आ रही है। लैब्स ने इस मामले में शासन को लेटर लिखकर टेस्ट पर होने वाले खर्च को इलैबोरेट किया है और रेट को फिर से रिवाइज करने का अनुरोध किया है। अब तक प्राइवेट पैथालॉजी में ख्भ्00 लिए जा रहे थे। उन्होंने कहा कि अगर सस्ती और बेहतर क्वालिटी की टेस्टिंग किट उन्हें मिल जाए, तो वह क्म्00 रुपए में भी जांच के लिए तैयार हैं।

क्म्00 रुपए रेट काफी कम है। इससे ज्यादा पैथोलॉजी का खर्च हो जा रहा है। इसके लिए पैथोलॉजिस्ट ने मुख्य सचिव स्वास्थ्य व परिवार कल्याण को लेटर भेजकर रेट पर दोबारा विचार करने के लिए अनुरोध किया है। साथ ही दूसरे जिलों के पैथोलॉजिस्ट ने भी लेटर भेजा है।

-डॉ। मंगलेश श्रीवास्तव, सचिव, पैथोलॉजी एसोसिएशन, गोरखपुर