- प्राइवेट हॉस्पिटल में मरीजों उमड़ रही भारी भीड़

- हेल्थ डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने दिखाई सुस्ती

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- प्राइवेट हॉस्पिटल में मरीजों उमड़ रही भारी भीड़

- हेल्थ डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने दिखाई सुस्ती

GORAKHPUR: GORAKHPUR: अब तो मास्क लगाओ और खुद ही डॉक्टर के पास दिखाने चले जाओ। यह नजारा आपको सिटी के सभी प्राइवेट हॉस्पिटल, नर्सिंग होम और प्राइवेट क्लीनिक में दिखाई दे देंगा। हॉस्पिटल के भीतर आने वाले मरीजों व उनके तीमारदारों को दिखाने के लिए एक कर्मचारी अगर सेनेटाइजर हाथ में लगा भी दिया तो ठीक, वरना वह कहीं इधर उधर चला गया तो वह भी नहीं होता है। यह खुलासा हुआ है दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के रियल्टी चेक में। दरअसल, लॉकडाउन के बाद सिटी के नर्सिंग होम, प्राइवेट क्लीनिक को कोविड क्9 प्रोटोकाल शर्तो के साथ खोलने की अनुमति दी गई थी। इसके लिए टाइम टू टाइम एडिशनल सीएमओ की टीम निरीक्षण कर कार्रवाई करती। लेकिन नियमों की अनदेखी जारी है। वहीं इन प्राइवेट हॉस्पिटल में भीड़ भी जारी है। मरीजों को जहां मोटी फीस चुकाना मजबूरी हो चुकी है। वहीं लॉक डाउन में बंद पड़े हॉस्पिटल संचालक भी उसकी भरपाई के लिए छोटे से छोटे केस को बड़ा बनाकर उगाही में जुट गए हैं।

तीमारदार कर रहे थे बहस

जब दैनिक जागरण आईनेक्स्ट रिपोर्टर सिटी के बेतियाहाता, पैडलेगंज, छात्रसंघ चौराहा रोड होते हुए मोद्ददीपुर तक पहुंचा तो सभी हॉस्पिटल में मरीजों व तीमारदारों की जबरदस्त भीड़ दिखाई दी। कोई मास्क लगाया नजर आया तो कोई मास्क को गले में लटकाए हुए दिखाई दिया। वहीं, हॉस्पिटल में मेडिकल स्टाफ भी किसी भी मरीज और तीमारदार को सेनेटाइज करते नजर नहीं आ रहे थे। बेतियाहाता स्थित एक हॉस्पिटल में पर्ची काउंटर पर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही थीं। वहीं, मोहद्दीपुर स्थित एक प्राइवेट हॉस्पिटल में डिलीवरी केस के मामले में डॉक्टर प्री- मेच्योर बच्चे की तरह तीमारदार से बहस करते नजर आए।

क्7 जून से खोलने की थी परमिशन

बता दें, सीएमओ डॉ। श्रीकांत तिवारी के तरफ से क्7 जून को कोविड क्9 प्रोटोकाल के तहत जिले भर के सभी हॉस्पिटल में ओपीडी शुरू करने के निर्देश जारी किए गए थे। लेकिन कोविड प्रोटोकाल के निर्देशों का पालन तो दूर कमाई में सारे नियमों को ताक पर रख प्राइवेट नर्सिंग होम संचालक अपने मनमानी पर उतारू हैं। सिटी के सभी प्राइवेट हॉस्पिटल का कमोबेश यही हाल है। उससे भी हैरानी की बात यह है कि हेल्थ डिपार्टमेंट के जिम्मेदार इन हॉस्पिटल्स के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई तक नहीं कर रहे हैं।

इन नियमों का करना है पालन

क्- केंद्र पर आने वाले व्यक्तियों की इंफ्रारेड थर्मामीटर से स्क्रीनिंग की जाएगी

ख्- एक रोगी के साथ मात्र एक तीमारदार को ही प्रवेश की अनुमति होगी

फ्- केंद्र पर आईएलआई के लक्षण यानी जुखाम, खांसी, बुखार या सांस लेने में तकलीफ वाले रोगियों को पृथक कक्ष में जांच एवं ट्रीटमेंट की व्यवस्था सुनिश्चित करना अनिवार्य होगा।

ब्- हॉस्पिटल या फिर मेडिकल क्लीनिक में रूम के संबंध में दिशा सूचक चिन्ह प्रदर्शित किए जाए। ताकि आईएलआई लक्षण वाले सभी रोगी रिजस्टर्ड काउंटर पर न जाए।

भ्- नॉन कम्यूनिकेशन डिजीज जैसे सुगर, हाई ब्लड प्रेशर आदि के रोगियों को एक माह की औषधि दी जाए जिससे रोगी को बार-बार केंद्र पर न आना पड़े।

म्- एक या दो डॉक्टर युक्त मेडिकल क्लीनिक द्वारा ही ओपीडी सेवा प्रारंभ की जाएगी।

7- रोगियों के लिए पहले से ही समय देकर ओपीडी का संचालन किया जाएगा।

8- ओपीडी के लिए प्रति घंटे ब् से भ् रोगियों के लिए पहले से समय दिया जाएगा। ताकि अनावश्यक भीड़ से बचा जा सके।

9- कोविड क्9 के संक्रमण को रोकने के संबंध में सामाजिक दूरी, मास्क का प्रयोग बार-बार हाथ धोने संबंधि प्रोटोकाल का शत प्रतिशत पालन सुनिश्चित किया जाए।

क्0 -हॉस्पिटल, क्लीनिक के डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ को कोविड-क्9 से संबंधित प्रोटोकाल तथा इंफेक्शन प्रीवेंशन प्रोटोकाल का समुचित प्रशिक्षण प्राप्त हो।

वर्जन

कोविड-क्9 प्रोटोकाल के तहत सभी नर्सिंग होम संचालकों को मरीज देखना है। इसके लिए जो गाइडलाइन तय की गई है। उसका कुछ जगहों पर पालन नहीं किया जा रहा है। ऐसे हॉस्पिटल संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

डॉ। श्रीकांत तिवारी, सीएमओ