- गोरखपुर के श्रीधर दुबे करते थे इरफान पठान के साथ काम

- इस बार साथ खेली थी होली

GORAKHPUR: 'आज उसकी कमी ने मेरी पलकों को भिगो दिया' फिल्म जब शुरू होती थी तब दर्शक भी तीन घंटे के लिए कहीं खो जाते थे, वे भूल जाते थे कि वे किसी सिनेमाघर में हैं। इतनी नेचुरल एक्टिंग इरफान खान किया करते थे। रियलिस्टिक, कॉमर्शियल या आर्टिस्टिक सिनेमा हो, उसमें अगर इरफान खान किसी रोल को निभा रहे हैं तो वे रोल के लिए परफेक्ट होते थे। इरफान खान उस आभूषण की तरह थे जिसे बॉलीवुड का फिल्म निर्देशक अपनी तिजोरी (फिल्म) में रखना चाहता था। फिल्मों में कलाकारों की कॉस्टिंग करने वाले गोरखपुर निवासी श्रीधर दुबे इरफान को कुछ ऐसे ही याद करते हैं। श्रीधर ने कहा कि जैसे फुटबॉल में इंटरनेशनल लेवल पर हमारे यहां से बड़ी मुश्किल से कोई नाम मिलता है वैसे ही सिर्फ इरफान खान से ही उम्मीद थी कि ये व्यक्ति वैश्विक सिनेमा में बॉलीवुड को मजबूती देगा। श्रीधर ने कहा कि मुकेश छाबड़ा के साथ काम करते हुए फिल्म हैदर और मदारी जैसी फिल्मों की कॉस्टिंग के दौरान इरफान खान के साथ काम किया। श्रीधर ने इरफान को याद करते हुए कहा कि तिग्मांशु धूलिया के घर होने वाली होली पार्टी में इरफान खान हर साल जरूर आते थे। इस साल भी आये थे लेकिन ये नहीं पता था कि ये इरफान भाई के साथ आखिरी होली होगी।

अचानक से छोड़ दिया नॉनवेज

गैंग ऑफ वासेपुर, मसान, मुक्काबाज, रंगबाज-2 सेक्रेण्ड गेम्स जैसी फिल्मों और वेब सीरीज में काम करने वाले श्रीधर दूबे ने बताया कि होली के बाद इरफान भाई की बीमारी का पता चला उसके बाद वो इलाज के लिए विदेश चले गए। श्रीधर ने कहा कि उन्हें इसका अंदाजा पहले से ही हो गया था। मुझे अच्छे से याद हैं जब इरफान भाई होली पार्टी में आए थे तो उनका पसंदीदा नॉनवेज बनाया गया था। लेकिन उन्होंने बताया कि वे नॉनवेज छोड़ चुके हैं।

चलो मैं तिरंगा बना दू

श्रीधर ने बताया कि होली पार्टी के दौरान इरफान के पैर पर मैंने लाल रंग लगा दिया इतने में इरफान भाई ने हरा रंग लगाते हुए मुझसे कहा कि लो मैने तुम्हें हरे रंग से रंग दिया। तभी पीछे से तिग्मांशु धूलिया बोले की लाओ मैं तुम दोनों को सफेद रंग लगा दूं तो तिरंगा बन जाएगा।