- शासन ने नए इंडिया मार्का हैंडपंप के बजट पर लगाई रोक
- लास्ट इयर एमएलए, एमएलसी कोटे से लगे थे 827 इंडिया मार्का
- शासन के इस फैसले से जनप्रतिनिधि परेशान
GORAKHPUR : जनता की प्यास बुझा कर वोट बटोरने वाले जनप्रतिनिधि परेशान हैं। इंडिया मार्का हैंडपंप पर रोक लगने से अब उन्हें कैसे रिझाएंगे। एक इंडिया मार्का हैंडपंप न सिर्फ सैकड़ों लोगों की प्यास बुझाता था बल्कि विधायक को सैकड़ों वोट भी दिलाता था, मगर शासन के नए फरमान के बाद जहां पब्लिक परेशान है वहीं जनप्रतिनिधियों के भी होश उड़े हैं। ख्0क्ब्-क्भ् में शासन ने इंडिया मार्का हैंडपंप के लिए बजट देने से मना कर दिया है। जनप्रतिनिधि के साथ पब्लिक भी परेशान हैं क्योंकि एक जनप्रतिनिधि का जहां वोट का नुकसान है, वहीं हजारों की संख्या में पब्लिक शुद्ध पानी पीने के लिए तरसेगी। इससे न सिर्फ बीमारी का प्रकोप बढ़ेगा बल्कि मौत भी बढ़ेगी।
क्00 हैंडपंप का था एमएलए कोटा
रूरल एरिया में सबसे बड़ी प्रॉब्लम पानी की है। शुद्ध पानी मिलना लोगों के लिए अमृत से कम नहीं है। पब्लिक की प्रॉब्लम को सॉल्व करने का जिम्मा लेने वाले जनप्रतिनिधि इंडिया मार्का हैंडपंप लगवाते हैं। इससे जहां पब्लिक की प्रॉब्लम सॉल्व होती है और जनप्रतिनिधि के वोट पक्के होते हैं। शासन से जनप्रतिनिधियों को इंडिया मार्का हैंडपंप का कोटा मिलता है। जैसे एमएलए का लास्ट इयर क्00 इंडिया मार्का हैंडपंप का कोटा था। अधिकांश कोटे के इंडिया मार्का लग गए। साल ख्0क्फ्-क्ब् में आठ विधानसभा के क्9 ब्लाकों में करीब 8ख्7 इंडिया मार्का हैंडपंप एमएलए और एमएलसी कोटे से लगाए गए है। जबकि डिमांड 8भ्म् इंडिया मार्का हैंडपंप की हुई थी।
इंडिया मार्का पर रोक, फिर भी ब्भ्0 की डिमांड
यूपी सरकार ने इंडिया मार्का हैंडपंप लगाने पर रोक लगा दी है। इसके बावजूद इस साल भी एमएलए, एमएलसी, एमपी और जिला पंचायत सदस्यों की ओर से ब्भ्0 नए इंडिया मार्का हैंडपंप लगाने का प्रस्ताव जल निगम के पास आ चुका है। ये हैंडपंप एआरपी स्कीम के तहत मांगे गए हैं। हालांकि आदेश की जानकारी होने के बावजूद जल निगम ने ये प्रस्ताव शासन को भेज दिए हैं। नए इंडिया मार्का हैंडपंप पर जरूर रोक लगी है, मगर रीबोर की परमीशन है। हर ब्लॉक में क्00 इंडिया मार्का हैंडपंप को रीबोर करने की शासन से परमीशन है। शासन ने इस साल नए इंडिया मार्का हैंडपंप के मिलने वाले कोटे के बजट पर पूरी तरह रोक लगा दी है।
कहीं बढ़ न जाए बीमारी का प्रकोप
नए इंडिया मार्का हैंडपंप लगने पर रोक लगने से सबसे अधिक रूरल एरिया में रहने वाले लोग परेशान हैं क्योंकि पूरे जिले का पानी दूषित है। आर्सेनिक, फ्लोराइड के साथ जेई और एईएस के प्रकोप से लोग परेशान हैं। प्रशासन बार-बार इंडिया मार्का हैंडपंप का पानी ही यूज करने को अवेयर कर रहा है वहीं दूसरी ओर शासन ने नए इंडिया मार्का पर रोक लगा दी है। इससे हजारों लोगों को मजबूरन दूषित पानी पीना पड़ेगा जिससे बीमारी के साथ मौत भी बढ़ेगी। हालांकि सरकार शुद्ध पानी के लिए वाटर सप्लाई घर-घर तक पहुंचाने का प्लान बना रही है, मगर यह प्लान कब पूरा होगा, पता नहीं। ऐसे में तब तक पब्लिक को क्या परेशानी झेलनी पड़ेगी, इस बारे में सरकार ने नहीं सोचा।
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ख्0क्फ्-क्ब् में खूब लगे इंडिया मार्का हैंडपंप
विधानसभा - विधायक - इंडिया मार्का (डिमांड/कंपलीट)
चिल्लूपार - राजेश त्रिपाठी - 8भ्/8भ्
ग्रामीण - विजय बहादुर यादव - 80/80
बांसगांव - डॉ। विजय कुमार - 8फ्/8फ्
खजनी - संत प्रसाद - 8फ्/8फ्
कैंपियरगंज - फतेहबहादुर सिंह - क्00/99
पिपराइच - राजमति निषाद - भ्फ्/भ्फ्
सहजनवां - बृजेश सिंह - 9फ्/9फ्
चौरीचौरा - जयप्रकाश निषाद - 8ब्/8ब्
इन्होंने भी लगाए इंडिया मार्का
देवेंद्र प्रताप सिंह - एमएलसी - 9भ्/7ब्
विनोद पांडेय - एमएलसी - फ्भ्/ख्8
ध्रुव कुमार त्रिपाठी - एमएलसी - भ्/भ्
गणेश शंकर पांडेय - विधान परिषद सभापति - म्0/म्0
इंडिया मार्का हैंडपंप का कोटा खत्म करने से गांव के हजारों लोग परेशान हैं। सरकार ने सिर्फ कागजी आधार पर कोटा खत्म किया है, हकीकत जानने की कोशिश नहीं की। जिस तरह हवा, धूप जरूरी है, वैसे ही गांव में इंडिया मार्का हैंडपंप जरूरी है।
डॉ। विजय कुमार, विधायक बांसगांव
इंडिया मार्का हैंडपंप खत्म करने से सरकार गरीबों को मौत के मुंह में धकेल रही है। गोरखपुर में आर्सेनिक अधिक होने के साथ जेई और एईएस फैल रहा है। प्रशासन कहता है कि पानी सिर्फ इंडिया मार्का का पियो और दूसरी ओर शासन इस पर रोक लगा रहा है। अगर इंडिया मार्का बंद करना था तो शुद्ध पानी के लिए कोई विकल्प तैयार करना चाहिए था।
जयप्रकाश निषाद, विधायक चौरीचौरा
इंडिया मार्का पर रोक लगाना मौत को बढ़ावा देना है। एईएस से बचने के लिए प्रशासन इंडिया मार्का का पानी यूज करने को कहता है और शासन ने इस पर रोक लगा दी है। ऐसे में बीमारी बढ़ेगी और मौत का आंकड़ा भी। अगर इंडिया मार्का पर रोक लगाना था तो पहले शुद्ध पानी की व्यवस्था करनी चाहिए थी। इंडिया मार्का पर रोक लगने से गरीब को मौत के मुंह में धकेलने का काम किया है।
बृजेश सिंह, विधायक सहजनवां
इस साल एमएलए, एमएलसी कोटे से लगने वाले इंडिया मार्का हैंडपंप के लिए कोई दिशा-निर्देश नहीं आया है, मतलब ख्0क्ब्-क्भ् में बजट नहीं मिलेगा। शासन के इस निर्देश के चलते नए इंडिया मार्का हैंडपंप नहीं लगेंगे। री-बोर के लिए हर ब्लॉक पर क्00 हैंडपंप की स्वीकृति है। लास्ट इयर क्00 हैंडपंप लगाने का कोटा था।
डीपी मिश्रा, एक्सईएन जल निगम दशमखंड