गोरखपुर (ब्यूरो)।हार्ट अटैक होने पर उन्हें जिला अस्पताल लाया गया। इस तरह के 9-10 मामले डेली मेडिकल कॉलेज की सुपर स्पेशियालिटी में आ रहे हैं। वहीं, जिला अस्पताल के हृदय रोग विभाग में भी 4 से 6 नए पेशेंट संभावित हार्ट अटैक के डेली आ रहे हैं। दरअसल, सर्दी के सितम के चलते हार्ट अटैक के मामले भी बढ़े हैं। सरकारी अस्पतालों में ओपीडी के साथ भर्ती होने वाले पेशेंट्स की संख्या बढ़ी है।

कार्डियोलॉजी में बढ़ी ओपीडी, 40 से 60 साल वाले ज्यादा शिकार

मेडिकल कॉलेज सुपर स्पेशियालिटी के हृदय रोग विभाग में डेली 60 से 80 की ओपीडी हो रही है। वहीं, जिला अस्पताल में 90 से 100 पेशेंट हृदय रोग विभाग की ओपीडी में आ रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा 40 से 60 वर्ष के बीच वाले पेशेंट्स हैं। पिछले 15 दिन में ज्यादा पेशेंट पहुंचे हैं। इससे पहले यह संख्या हर रोज 20 से 30 ही रहती थी।

ठंड में 30 परसेंट बढ़ता हार्ट अटैक का खतरा

बीआरडी सुपर स्पेशियालिटी के हृदय रोग विशेषज्ञों का कहना है, सर्दियों के दौरान हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है, जिन पेशेंट्स को दिल की बीमारी होती है या जिन्हें पहले भी हार्ट अटैक आ चुका है। उन्हें ठंड के मौसम में हार्ट अटैक का खतरा करीब 30 परसेंट बढ़ जाता है। ठंड के मौसम में नसें सिकुड़ती हैं और सख्त हो जाती हैं। इसे एक्टिव ओर गर्म करने के लिए ब्लड का बहाव बढ़ जाता है।

ब्लड प्रेशर बढऩे से खतरा

हृदय रोग विशेषज्ञ के अनुसार ठंड में ब्लड प्रेशर बढऩे की आशंका बढ़ जाती है। सोते समय शरीर की सक्रियता धीमी हो जाती है। ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल नीचे आ जाता है, जिससे दिल को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। हृदय रोग विशेषज्ञ ने बताया, इस मौसम में हमें धूप ज्यादा नहीं मिल पाती है। सूर्य की किरणों से मिलने वाला विटामिन डी हमारे ब्लड प्रेशर को सामान्य रखता है और हाइपरटेंशन नहीं होने देता, लेकिन धूप नहीं मिलने से यह नहीं हो पाता।

हृदय, शुगर के पेशेंट और मोटे लोगों को खतरा

जिला अस्पताल के हृदय रोग विभाग के डॉ। रोहित कुमार गुप्ता ने बताया, जिन लोगों को ब्लड प्रेशर, डायबिटिक, कोलेस्ट्राल और रक्तचाप की शिकायत है, मोटे हैं या फिर धूम्रपान करते हैं, ऐसे लोगों को हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा रहता है। लिहाजा वजन कम करें, धूम्रपान न करें और बाकी बीमारियों को भी कंट्रोल में रखें। प्रॉब्लम होने पर डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

न करें नजरअंदाज

छाती में दर्द, दबाव महसूस होना।

सांस फूलना।

घबराहट होना।

सर्दी में रहें सतर्क

ठंड से बचाव करें। सुबह घर से टहलने के लिए न निकलें।

धूप में ही निकलें। खुद को पूरा समय गर्म रखना चाहिए।

शरीर को गर्म कपड़ों से ढंककर ही बाहर जाएं।

बिस्तर से उठने के बाद तुरंत बाहर न निकलें।

नमक का कम इस्तेमाल करें। शरीर में नमक अधिक होने से दिल को ज्यादा वर्क करना पड़ता है।

दिल के पेशेंट्स को नियमित दवाई लेनी चाहिए। नियमित रूप से अपने हार्ट का चेकअप करना चाहिए।

- अपने खान पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। घर पर ही नियमित व्यायाम करें। प्रॉब्लम होने पर डॉक्टर्स से परामर्श लें।