गोरखपुर (ब्यूरो).बीआरडी मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में हार्ट के पेशेंट्स का इलाज शुरू हो चुका है। पेशेंट्स की ईसीजी से लेकर एंजियोप्लास्टी, एंजियोग्रॉफी और पेस मेकर लगाया जा रहा है। लेकिन, गंभीर पेशेंट्स के इलाज की अब तक कोई व्यवस्था नहीं थी। इसकी शुरुआत अगले माह से शुरू हो जा रही है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के ह्दय रोग विशेषज्ञ डॉ। कुनाल सिंह ने बताया कि हृदय की नसें सिकुड़ जाने के कारण धमनियों में ब्लड का संचार ठीक से नहीं हो पाता है। इसकी वजह से हार्ट अटैक का खतरा अधिक रहता है। अब तक ऐसे पेशेंट्स का इलाज करने में दिक्कत हो रही थीं। इस बीमारी को रुमेटिक हार्ट डिजीज कहते हैं। इसमें हृदय का वॉल्व धीरे-धीरे सिकुड़ता है। एक स्थिति यह बन जाती है कि बैठे-बैठे ही पेशेंट्स की सांस फूलने लगती है। ऐसे पेशेंट्स का इलाज (बीएमवी) माइट्रल वॉल्वो-टॉमी तकनीक से किया जाएगा। इस तकनीक में कैथेटर के माध्यम से वाल्व को चौड़ा करने के लिए बैलून पहुंचाया जाता है। इसे बाद में फुलाने से वाल्व की सिकुडऩ दूर होती है। जबकि, ह्दय में छेद होने वाले मरीजों का इलाज डिवाइस क्लोजर के जरिए किया जाएगा.