-दुकानों के बाहर से लेकर सड़कों पर अतिक्रमण

- मंडी प्रशासन की नाक के नीच हो रहा खेल

-आये दिन लगता है जाम

GORAKHPUR: महेवा मंडी जाम के झाम में उलझ कर रह गई है। यहां कुल ब्भ्म् दुकानें है। यहां के व्यापारी मूलभूत सुविधाओं से तो वंचित हैं ही साथ ही यहां अतिक्रमण ने भी अपने दांत गड़ा दिए हैं। यहां चारों तरफ अतिक्रमण का जाल फैला है। यह अतिक्रमण सड़कों तक आ गया है। आखिर यह सब हुआ कैसे? यह आज हम आपको बताएंगे। मंडी प्रशासन ने कई श्रेणी की दुकानों का कंस्ट्रक्शन दिया था, लेकिन जिम्मेदारों की शह पर दुकानों के आगे शॉप ओनर्स ने पांच से छह फीट तक टिन शेड डालकर कब्जा कर रखा है। जब आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने इस बारे में दुकानदारों से पूछा तो उनका जवाब था कि यह टिन शेड मंडी समिति ने ही करवाया है। वहीं सी श्रेणी की 9ब् दुकानें है, लेकिन यहां भी आधी से ज्यादा दुकानों पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा है। इन दुकानदारों ने भी कुछ कहने या बताने से इनकार कर दिया।

सिमट गई हैं सड़कें

अतिक्रमण की वजह से यहां की सड़कें सिकुड़ गई हैं। यहां के एक शॉप ओनर से बात की गई तो उसका कहना था कि इसमें क्या गलत है, सभी ने तो कब्जा कर रखा है। डी श्रेणी की दुकानों का भी यही हाल है। मंडी से अतिक्रमण हटाने को लेकर तत्कालीन कमिश्नर पीके मोहंती और जिम्मेदारों ने प्रयास किया, लेकिन उनके जाते ही मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

जाम ही जाम

मंडी में बेतरतीब बड़े वाहन खड़ा होने की वजह से अक्सर जाम की समस्या रहती है। जाम को लेकर व्यापारी कई बार जिम्मेदारों से मिल चुके हैं, लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन मिला। आलम यह है कि अतिक्रमण की वजह से यहां रोजाना जाम लगता है। सड़क किनारे दुकान लगाए जाने से यहां बड़ी गाडि़यां अक्सर फंस जाती हैं।

सुबह होते ही सज जाती हैं दुकानें

मंडी में 7ब्भ् लाइसेंसी शॉप ओनर है। इसमें से ख्89 लाइसेंस ओनर के पास दुकानें नहीं है। वे रोड किनारे ही दुकानें सजा लेते हैं। इनमें से कुछ कारोबारियों ने नाम न छापने की शर्त बताया कि यहां कुछ ऐसे बड़े कारोबारी है जिनकी सांठ-गाठ से दुकानों के बाहर और अंदर अतिक्रमणकारियों का कब्जा है। इसकी वजह से छोटे कारोबारियों की दिक्कत होती है।

वर्जन

दुकानों और सड़क के किनारे अतिक्रमण को हटाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए सिटी मजिस्ट्रेट के पास फाइल भेज दी गई है।

सुभाष यादव, सचिव महेवा मंडी

मंडी में जिन-जिन दुकानों के पास अतिक्रमण है, उन्हें चिह्नित किया जाएगा। दोषी शॉप ओनर पर कार्रवाई कर उनका लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा।

सतीश पाल, सिटी मजिस्ट्रेट