गोरखपुर (ब्यूरो)। प्रदेश में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले शीर्ष पांच नगर निगमो में क्रमवार कानपुर शहर, झांसी, बरेली, लखनऊ और सहारनपुर नगर निगम का नाम है। गोरखपुर नगर निगम के टॉप 5 में जगह बनाने से खुशी का माहौल है।

सफाई और अतिक्रमण की शिकायत
अक्टूबर महीने में नगर निगम में आईजीआरएस में सर्वाधिक शिकायतें सफाई और अतिक्रमण को लेकर आईं। आइजीआरएस प्रभारी व अपर आयुक्त निरंकार ङ्क्षसह ने बताया, आईजीआरएस मामलों के समय से गुणवत्तायुक्त निस्तारण पर शासन का जोर है। नियमित निगरानी भी की जा रही है। विभिन्न अनुभागों के प्रभारियों की तरफ से निस्तारण रिपोर्ट लगाए जाने के बाद गुणवत्ता जांचने के लिए क्रॉस चेङ्क्षकग भी की जाती है।

मोबाइल नंबरों से संपर्क
शिकायतपत्रों पर दर्ज मोबाइल नंबर की मदद से शिकायतकर्ताओं से संपर्क स्थापित किया जाता है। मौके पर भी दूसरी टीम को भेजकर जांच कराई जाती है। इसी के मुताबिक ग्रेङ्क्षडग दी जाती है। मसलन ए ग्रेड का मतलब शिकायतकर्ता के मुताबिक मामले का निस्तारण हुआ है। बी ग्रेड से तात्पर्य संबंधित मामले का तो निस्तारण हो गया मगर मौके पर पहुंचने पर दूसरी समस्या भी पाई गई। इसी तरह सी ग्रेड का मतलब निस्तारण नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि आईजीआरएस मामलों के निस्तारण में रैंङ्क्षकग और सुधारने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
नगर निगम अफसरों और कर्मियों को बधाई। उनकी मेहनत से ही टॉप फाइव में जगह मिली हैै। निगम आगे और भी बेहतर करेगा।
डॉ। मंगलेश श्रीवास्तव, मेयर
जनसमस्याओं का निस्तारण पहली प्राथमिकता है। यही कारण है कि नगर निगम को टॉप फाइव में स्थान मिला है। आगे और सुधार किया जाएगा।
गौरव सिंह सोगरवाल, नगर आयुक्त