गोरखपुर (ब्यूरो)।पीपीगंज के तिघरा रमवापुर गांव में आग लगने से फसल और भूसा जल गया। खजनी के बेलमा शिवपुर ढकवा बारी गांव में आग से 25 एकड़ फसल जल गई। कैंपियरगंज के मछलीगांव में भीषण आग से 2 मवेशी जल गए। आगजनी की यह घटनाएं अब आम हो गई हैं। बता दें, 2022 में फसल कटाई के दौरान तकरीबन 214 एकड़ फसल जलकर राख हो गई थी, जिसके लिए 398 किसानों को मुआवजा भी दिया गया था।

सदर, गोला, बांसगांव में हुई थी सर्वाधिक आगजनी

बता दें, पिछले साल सदर तहसील, गोला, बांसगांव में आग लगने से लगभग 144 एकड़ फसल जल कर खाक हो गई थी। इसमें 228 किसान प्रभावित हुए थे। जबकि सहजनवां में 49 किसानों की फसल जल गई थी। इसी तरह चौरीचौरा तहसील में 121 किसनों की फसल खाक हो गई थी। सभी किसानों को मिलाकर 25.86 लाख रुपए मुआवजा दिया गया है।

फसल जलने पर मिलता है मुआवजा

आग से गेंहू और अन्य फसल जलने पर भी किसानों को मुआवजा मिलता है, लेकिन किसानों को इसकी जानकारी नहीं है। हर साल गेहूं सहित अन्य फसल जलने के बाद भी किसान मुआवजे के लिए महेवा मंडी परिषद समिति कार्यालय में आवेदन करते हैं। गेंहू की फसल जलने पर किसानों को मंडी परिषद की ओर से संचालित कल्याणकारी स्कीम के तहत मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है। सीएम कृषक अग्नि दुर्घटना सहायता स्कीम के तहत मुआवजा दिया जाता है। किसान को फसल में आग लगने पर 15 दिन के अंदर संबंधित कृषि उत्पादन मंडी समिति कार्यालय में एक प्रार्थना पत्र जमा करना होता है। ऑनलाइन आवेदन होने के बाद उन्हें मुआवजा दिया जाता है।

एक नजर में नुकसान और मुआवजा

तहसील --- किसान --- फसल क्षति --- मुआवजा

सदर, गोला, बांसगांव -- 228 --- 144 एकड़ -- 17,28,203 रुपए

सहजनवां -- 49 - 17.3 एकड़ -- 2,08,410 रुपए

चौरीचौरा -- 121 -- 53.5 एकड़ -- 649740 रुपए

(नोट: आंकड़े 2022 में रबी फसल की कटाई के दौरान के हैं.)

सीएम कृषक दुर्घटना सहायता स्कीम

अग्निकांड में क्षतिग्रस्त फसल देय सहायता धनराशि

एक हेक्टेयर या 2.5 एकड़ तक क्षतिग्रस्त होने पर--30,000 रुपए अधिकतम

एक हेक्टेयर से 2 हेक्टेयर या 2.5 एकड़ से 5 एकड़ तक क्षतिग्रस्त होने पर- 40,000 रुपए अधिकतम

2 हेक्टेयर या 5 एकड़ से अधिक क्षतिग्रस्त होने की दशा में- 50,000 रुपए अधिकतम