गोरखपुर (ब्यूरो)। खाद्य सामग्रियों के रेट में तेजी के कारण कम आय, जॉब करने वाले और आम आदमी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इसी का नतीजा है कि हरी सब्जियों की कीमतों में भी तेजी आ गई है। सब्जियों की बात करें तो महंगे नीबू ने दांत खट्टे कर दिए हैं।
यूक्रेन-रूस संकट की वजह से खाद्य तेल महंगा
व्यापारियों का कहना है कि महंगाई का मुख्य कारण पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि है। वहीं रूस-यूक्रेन संकट की वजह से खाद्य तेल महंगा है। जिसमें सूरजमुखी के तेल की कीमत में तेजी आई है। साथ ही गेहंू की आवक कम होने से रोजमर्रा के इस्तेमाल में आने वाला आटा भी महंगा हो गया है। धनिया, जीरा और हल्दी ने भी सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। थोक मार्केट में महंगाई की रफ्तार थोड़ी धीमी है तो फुटकर में भाव और तेज हैं।
कोट
बढ़ती महंगाई ने लोगों की थाली का स्वाद छीन लिया है। इससे व्यापारी भी परेशान है। व्यापारियों की लागत बढ़ती जा रही है और कमाई घटती जा रही है। बढ़ती कीमतों के कारण डेली यूज में आने वाले खाद्य सामग्री पहले की तुलना में काफी घट गई है।
गंगा सागर, फुटकर किराना व्यापारी
ऐसे बढ़ी किराना के भाव
सामान 3 माह पूर्व वर्तमान में
चीनी 38 रु। प्रति किग्रा 42-44
आटा 145 रु। (5 किलो) 155
चना दाल 70-75 रु। प्रति किग्रा 80-90
बेसन 90-95 रु। प्रति किग्रा 100-105
काबुली चना 90-200 रु। प्रति किग्रा 120-130
तिल तेल 150-160 रु। प्रति ली। 200-210
सरसों तेल 165-170 रु। प्रति ली। 180-185
रिफाइंड 140-150 रु। प्रति ली 170-180
जीरा 180-200 रु। प्रति किग्रा 280-320
देशी घी 500-520 रु। प्रति किग्रा 550-590
नमक 22 रु। प्रति किग्रा 24
हींग 70 रु। (50 ग्राम) 100
न्यूट्रीला 50 रु। पैकेट 60
चावल मंसूरी 35 प्रति किग्रा 42