गोरखपुर (ब्यूरो)।जिले के दो विद्यालयों में से नंबर एक में शिक्षक के चयन की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है, जबकि दूसरे में चल रही है। 30 नवंबर तक चयन की प्रक्रिया पूरी कर विद्यालयों को मुख्यालय को सूचना भेजनी होगी।

आरसीआई के अनुसार होंगे मानक

विशेष शिक्षकों की नियुक्ति के मानक भारतीय पुर्नवास परिषद (आरसीआई) के अनुसार होंगे। विशेष बीएड धारक ही इसके लिए पात्र होंगे। वर्तमान में सरकारी प्राथमिक स्कूलों में कक्षा एक से पांच तक दस दिव्यांग बच्चों और छठी से आठवीं कक्षा तक 15 दिव्यांग बच्चों का नामांकन होने पर एक विशेष शिक्षक (स्पेशल एजुकेटर) रखने का नियम है। निश्शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) 2009 के तहत केंद्रीय विद्यालयों में भी इसी के तहत यह प्रक्रिया चल रही है।

जिले के दो विद्यालयों में हैं 50 दिव्यांग बच्चे

जनपद के दो केंद्रीय विद्यालयों एयरफोर्स व फर्टिलाइजर में वर्तमान में लगभग 50 बच्चे अध्ययनरत हैं। इनमें श्रवण बाधित, दृष्टि बाधित, शारीरिक व मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चे शामिल हैं। जो कक्षा एक से 12 तक में अध्ययनरत हैं। विशेष शिक्षकों के चयन के बाद इन बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोडऩे की राह आसान हो जाएगी। केंद्रीय विद्यालयों में पहली कक्षा एक में प्रवेश के लिए प्रतिवर्ष तीन प्रतिशत सीटें दिव्यांग बच्चों के लिए आरक्षित है। जिन पर उनका प्रवेश लिया जाता है।

मुख्यालय के निर्देश पर दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने के लिए संविदा पर विशेष शिक्षकों का चयन किया जाना है। हमारे यह फिलहाल एक शिक्षक का चयन कर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। अन्य विद्यालयों में अभी चल रही है। शिक्षकों की तैनाती एक शैक्षिक सत्र के लिए होगी। इसके बाद फिर नए सिरे से चयन किया जाएगा।

- एसके श्रीवास्तव, प्रधानाचार्य केंद्रीय विद्यालय नंबर एक, एयरफोर्स, गोरखपुर