गोरखपुर (ब्यूरो)।गोरखनाथ परिसर में लगने वाला मेला भी आधिकारिक रूप से शुरू हो जाएगा। एक महीने तक चलने वाले मेले में दूसरे राज्यों के अलावा पड़ोसी देश नेपाल से भी हजारों लोग आते हैं। इसके लिए उनके ठहरने के इंतजाम पहले ही कर लिए गए हैं। सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से व्यापक इंतजाम किए गए हैं। सर्दी में श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत न हो। इसके लिए अलाव के पर्याप्त इंतजाम हैं।

मेन गेट से एंट्री, निकासी के लिए होंगे 2 गेट

गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी चढ़ाने के लिए पुख्ता इंतजाम कर लिए गए हैं। श्रद्धालु कतारबद्ध होकर मंदिर गेट से बाबा के दरबार में पहुंच सकेंगे। बाबा के दरबार तक पहुंचने के लिए पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग व्यवस्था है। मंदिर परिसर में निकलने के लिए दो द्वार का विकल्प है। वहीं, भीम सरोवर से भी श्रद्धालु मेला परिसर में प्रवेश कर सकेंगे। इसके अलावा यज्ञशाला द्वार से यात्री निवास की ओर निकलने की व्यवस्था भी रहेगी। विशिष्ट लोगों के लिए महिलाओं और पुरुषों के लिए दो लाइनों के साथ बीच में एक वीवीआईपी लाइन है।

मेले में 500 दुकानें और झूले

मेला प्रबंधक शिव शंकर उपाध्याय ने बताया कि मेले में करीब 500 दुकानें और झूले हैं। इस बार रेंजर, रोलिंग टॉवर, फ्रिजवी जैसे झूले पहली बार मेले का हिस्सा बने हैं। बच्चों का इन झूलों के प्रति विशेष आकर्षण है। इसके अलावा टोराटोरा, ब्रेकडांस, ड्रेगन, ज्वाइंट, व्हील, स्लंबो, बड़ी नाव झूले का भी बच्चे लुत्फ उठाएंगे। मेले में महिलाओं समेत बच्चों के लिए अधिक दुकानें हैं।

श्रद्धालुओं के लिए स्पेशल ट्रेनें

रेल प्रशासन के मुताबिक 13 से 16 जनवरी तक गोरखपुर-बढऩी एवं 14 से 17 जनवरी तक गोरखपुर-नौतनवां एवं 13 से 16 जनवरी तक नौतनवां-गोरखपुर के बीच एक-एक अनारक्षित मेला स्पेशल ट्रेन चलाई जाएगी। वहीं, गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पूछताछ भी खोला जाएगा। गोरखपुर जंक्शन एवं नकहा जंगल स्टेशन पर अतिरिक्त टिकट काउंटर खोले जाएंगे। कई ट्रेनों में अतिरिक्त कोच भी लगाए जाएंगे। इसमें सीवान-नकहा जंगल, गोरखपुर-सीवान, नकहा जंगल-नरकटियागंज, नरकटियागंज-गोरखपुर, गोरखपुर-नरकटियागंज, गोरखपुर-अयोध्या, अयोध्या-गोरखपुर आदि शामिल हैं।