गोरखपुर (ब्यूरो)। उधर, इससे पहले मनीष केस की विवेचना सीबीआई की टीम ने कोर्ट को जानकारी दी। बुधवार को पूरे दिन सीबीआई ने यही काम किया। उधर, एसआईटी कानपुर मंगलवार को ही अपने सारे दस्तावेज देकर लौट गई थी।

बता दें, दो नवंबर को सीबीआई ने मनीष गुप्ता का केस अपने हाथ में लेते हुए केस दर्ज किया था। हालांकि, तीन नवंबर को गोरखपुर जेल में बंद आरोपित पुलिसवालों की न्यायिक हिरासत खत्म हो रही थी। तब एसआईटी कानपुर ने तीन नवंबर को न्यायिक हिरासत बढ़ाने का अनुरोध किया था। 11 नवंबर से गोरखपुर आई सीबीआई टीम केस से जुड़े लोगों से पूछताछ कर रही है। टीम ने अभी उन लोगों से पूछताछ की है, जिनकी सीधे तौर पर कोई भूमिका नहीं है पर उनके जरिए घटना के बारे में जानने का प्रयास किया। हालांकि इस बीच आरोपितों की न्यायिक हिरासत 17 नवंबर को समाप्त हो रही थी। एसआईटी ने केस को सीबीआई को हैंडओवर कर दिया था, लिहाजा 17 नवंबर को सीबीआई ने सीजेएम कोर्ट में प्रार्थनापत्र देकर केस अपने हाथ में लेने की जानकारी दी और आरोपित पुलिसवालों की न्यायिक हिरासत बढ़ाने का अनुरोध किया। कोर्ट ने उनके अनुरोध को मानते हुए एक दिसंबर तक न्यायिक हिरासत बढ़ा दी है।

सीबीआई लौटी, फिर आएगी टीम के साथ

आरोपितों की न्यायिक हिरासत बढऩे के बाद सीबीआई टीम बुधवार की देर शाम लौट गई। सीबीआई के नाम से बुक एनेक्सी भवन के सभी कमरे खाली कर दिए गए हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक सीबीआई जल्द ही दोबारा फॉरेंसिक सहित अन्य टीम के साथ आएगी। इसके बाद अन्य लोगों से पूछताछ कर आरोपितों को कस्टडी रिमांड पर ले सकती है।