गोरखपुर (सुनील त्रिगुणायत).बता दें, मोहद्दीपुर से लेकर जंगल कौडिय़ा और असुरन से मेडिकल रोड को मॉडल सड़क के रूप में विकसित किया जा रहा है। इन दोनों फोरलेन पर अर्नामेंटल लाइटें लगाई गई हैं। दोनों तरफ रेलिंग लगाई गई है। इसी क्रम में एयरपोर्ट-सर्किट हाउस फोरलेन बन चुकी है। उसके दक्षिण देवरिया बाईपास को फोरलेन बनाने की तैयारी चल रही है। दोनों के बीच में बची 2200 मीटर सड़क टू लेन है। अब यह भी फोरलेन बनाई जाएगी। सर्वे अंतिम चरण में है। निर्माण की जिम्मेदारी पीडब्लूडी के निर्माण खंड- तीन को दी गई है। सड़क की दोनों लेन की चौड़ाई 8.75-8.75 मीटर होगी। बीच में ढाई मीटर कर डिवाइडर होगा। दोनों तरफ एक मीटर का नाला व एक तरफ एक मीटर का बिजली केबिल का डक्ट बनाया जाएगा। सड़क चौड़ीकरण के लिए जमीन अधिग्रहित नहीं करनी पडग़ी। दोनों तरफ जीडीए की जमीन है, केवल अनुमति लेकर निर्माण शुरू करा दिया जाएगा। कालेसर से जंगल कौडिय़ा फोरलेन का लोकार्पण हो चुका है। इसी के साथ जंगल कौडिय़ा से जगदीशपुर तक फोरलेन प्रस्तावित है। इसके बनने से गोरखपुर शहर के चारों तरफ 55 किमी लंबा रिंग रोड तैयार हो जाएगा, जिससे शहर का दायरा बढ़ेगा। सड़क परिवहन मंत्रालय से इसकी हरी झंडी मिलने के बाद डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

गोरखपुर-सोनौली के बीच सिक्सलेन, उतारेंगे फाइटर प्लेन

एनएचएआई के प्रोजेक्ट मैनेजर सीएम द्विवेदी ने कहा, 'गोरखपुर से अयोध्या-लखनऊ तक 245.86 किमी सड़क सिक्स लेन बनाई जाएगी। डीपीआर तैयार करने के लिए एजेंसी नामित करने को निविदा निकाली गई है। इसी क्रम में गोरखपुर-देवरिया-सलेमपुर और गोरखपुर-महराजगंज फोरलेन का काम तेजी से चल रहा है। गोरखपुर से नेपाल के सोनौली बार्डर तक भी सिक्स लेन सड़क का प्रस्ताव है। इस पर एयर स्ट्रिप बनाई जानी है, जिससे फाइटर प्लेन उतारा जा सके। गोरखपुर शहर के बीच पैडलेगंज से एयरपोर्ट तक फोरलेन का लोकार्पण हो चुका है, वहीं मोहद्दीपुर से जंगल कौडिय़ा तक फोलनेन का निर्माण दिसंबर महीने तक पूरा होने की उम्मीद है।

लिंक एक्सप्रेस का आधा काम पूरा

पूर्वांचल एक्सप्रेस को गोरखपुर से जोडऩे वाले 91 किमी लंबे लिंक एक्सप्रेस का निर्माण दो चरण में हो रहा है। पहला हिस्सा गोरखपुर के जैतपुर से फुलवरिया तक और दूसरा हिस्सा गोरखपुर के कम्हरिया घाट से आगे आंबेडकर नगर से आजमगढ़ तक का है। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीडा) की साइट के मुताबिक, एक्सप्रेस वे का करीब 50 फीसदी काम पूरा हो गया है। दिसम्बर 2023 तक एक्सप्रेस वे का निर्माण पूरा हो जाएगा। लिंक एक्सप्रेस-वे गोरखपुर, संतकबीर नगर, अंबेडकर नगर और आजमगढ़ को आपस में जोड़ेगा। इसके बनने से सुल्तानपुर, जौनपुर, वाराणसी, मऊ, बलिया व बस्ती की राह भी आसान हो जाएगी। गोरखपुर में लिंक एक्सप्रेस के आसपास औद्योगिक कॉरिडोर भी विकसित किया जाएगा। दोनों तरफ औद्योगिक इकाइयां स्थापित होंगी। इसका खाका तैयार कर लिया गया है। यूपीडा की तरफ से जमीन अधिग्रहण हो रहा है। जैतपुर पिपरौली के पास एक्सप्रेस वे का काम तेजी से चल रहा है। इसके साथ ही सिकरीगंज में भूमिधर इंटर कॉलेज के साथ ही हरैडाह गांव के समीप तेजी से काम चल रहा है। इसी तरह उसरैन, गोविंदपुर में भी तेजी से सड़क निर्माण का काम हो रहा है। 91 किमी लंबे लिंक एक्सप्रेस-वे पर छोटे-बड़े आठ टोल प्लाजा होंगे। दो टोल प्लाजा मुख्य होंगे, जिनपर ज्यादा शुल्क देना पड़ेगा। छह टोल प्लाजा पर सामान्य शुल्क वसूला जाएगा। गोरखपुर से लिंक एक्सप्रेस वे के एंट्री प्वाइंट पर ही मुख्य टोल प्लाजा बनाया जा रहा है।

गोरखपुर होकर गुजरेंगे तीन एक्सप्रेस-वे

गोरखपुर से होकर तीन एक्सप्रेस-वे गुजर रहे हैं। पिछले दिनों यूपी सरकार के वित्त मंत्री द्वारा पेश बजट में गोरखपुर, सिद्धार्थनगर, कुशीनगर और देवरिया से होकर गुजरने वाले एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ औद्योगिक गलियारा विकसित करने की बात कही गई है। प्रदेश सरकार ने बजट में ऐलान किया है कि ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ औद्योगिक गलियारा विकासित किया जाएगा। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे का काम 50 फीसदी पूरा हो गया है।

गोरखपुर से शामली तक 500 किमी। लंबा एक्सप्रेस-वे

वहीं, शामली और गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे की डीपीआर तैयार हो रही है। पंजाब को नार्थ-ईस्ट से जोडऩे के लिए गोरखपुर से शामली तक करीब 500 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस-वे बनेगा। गोरखपुर-सोनौली फोरलेन पर पीपीगंज से कैम्पियरगंज के बीच में किसी स्थान से एक्सप्रेस-वे शुरू होगा। ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे पर नये सिरे से जमीन का अधिग्रहण होगा। एनएचएआई ने डीपीआर के लिए कंसलटेंट की नियुक्ति कर ली है। जो तेजी से काम कर रही है। गोरखपुर से शामली एक्सप्रेस वे का निर्माण पंजाब को नार्थ-ईस्ट से जोडऩे के लिए हो रहा है। अंबाला से शामली तक करीब 110 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे का निर्माण शुरू हो गया है, जो 2024 में पूरा हो जाएगा। एक्सप्रेस वे संतकबीर नगर और सिद्धार्थनगर होकर गुजरेगा। सिद्धार्थनगर में उद्योग स्थापित करने के लिए औद्योगिक गलियारा बनाया जा सकता है। गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक एक्सप्रेस-वे की डीपीआर भी बन रही है। अंबाला और सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे को जोडऩे के लिए गोरखपुर-शामली एक्सप्रेस वे का निर्माण जरूरी है। वहीं गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक 519 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे की डीपीआर का काम तेजी से चल रहा है। वे रिंग रोड के जगदीशपुर से शुरू होकर सिलीगुड़ी तक जाएगा।

एक्सप्रेस-वे से जुड़ेंगे 10 जिले

एक्सप्रेस वे कुशीनगर और देवरिया से होकर गुजरेगा। दोनों जिलों में औद्योगिक विकास की स्थिति अच्छी नहीं है, ऐसे में दोनों जिलों को ध्यान में रखकर औद्योगिक विकास की कार्ययोजना पर काम हो सकता है। गोरखपुर से अंबाला सड़क मार्ग से जाने के लिए लोगों को करीब 1000 किलोमीटर की यात्रा करनी होती है। इस एक्सप्रेस वे के बनने से गोरखपुर से अंबाला की दूरी करीब 700 किलोमीटर ही रह जाएगी। वहीं संतकबीर नगर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर जैसे करीब 10 जिले पहली बार किसी एक्सप्रेस-वे से जुड़ेंगे।

गोरखपुर से अयोध्या-लखनऊ तक 245.86 किमी सड़क सिक्स लेन बनाई जाएगी। डीपीआर तैयार करने के लिए एजेंसी नामित करने को निविदा निकाली गई है। इसी क्रम में गोरखपुर-देवरिया-सलेमपुर और गोरखपुर-महराजगंज फोरलेन का काम तेजी से चल रही है। गोरखपुर से नेपाल के सोनौली बार्डर तक भी सिक्स लेन सड़क का प्रस्ताव है।

सीएम द्विवेदी, प्रोजेक्ट मैनेजर एनएचआई