गोरखपुर (ब्यूरो)।हृषीकेश पंचांग के अनुसार इस वर्ष 14 जनवरी की रात्रि शेष (भिनसार) को 3 बजकर 1 मिनट (15 जनवरी को अत्यंत प्रात: काल) पर सूर्य धनु राशि का परित्याग कर मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं। इसलिए मकर संक्रांति का पुण्य काल 15 जनवरी को मध्यान्ह के पूर्व तक विशेष पुण्य काल पश्चात सम्पूर्ण दिन और अग्रिम तीन दिन तक सामान्य पुण्य काल बना रहेगा।

सूर्य को अघ्र्य देने से पापों से मुक्ति

संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान और सूर्य को अघ्र्य देने से समस्त पापों का तिरोहित हो जाता है, ऐसी धर्म शास्त्रीय मान्यता है। इस दिन तिल दान, तिल का भोजन, तिल मिश्रित जल से स्नान, तिल की मालिश, तिल का हवन और तिल से तर्पण की भी मान्यता है, इससे पूर्व जन्म के पाप नष्ट हो जाते हैं। धर्म सिन्धु के अनुसार संक्रांति पुण्य काल में सफेद तिलों से देवताओं तथा काले तिलों से पितरों का तर्पण करना चाहिए। मकर संक्रांति के दिन भगवान शंकर के मन्दिर में तिल के तेल का दीपक प्रज्ज्वलित करना चाहिए।

चित्रा नक्षत्र के तृतीय चरण में संक्रांति का प्रवेश

संक्रांति का प्रवेश चित्रा नक्षत्र के तृतीय चरण, सुकर्मा योग और कौलव करण में हो रहा है। उस समय चंद्रमा की स्थिति तुला राशि पर है.चित्रा नक्षत्र में घटित होने से यह 30 मुहुर्ती है। अत: वस्तुओं के मूल्य में स्थिरता का योग रहेगा। कौलव करण में घटित होने से यह ऊर्धव मुखी, श्रेष्ठ संज्ञक है। इस संक्रांति का वाहन वाराह और उपवाहन वृषभ है। अत: स्टॉकिस्ट, अति लोभी, सट्टेबाज, चोर, डाकू, ठग आदि धूर्त प्रकृति के लोगों के लिए भय देने वाली रहेगी।

संक्रांति का राशिफल

मेष- हानि

वृषभ लाभ

मिथुन -इष्ट प्राप्ति

कर्क - धार्मिक लाभ

सिंह -कष्ट

कन्या -सम्मान

तुला-भयदायक

वृश्चिक -ज्ञानवृद्धि

धनु--सुख समृद्धि

मकर -लाभ

कुंभ - सन्तोष

मीन- धनलाभ