गोरखपुर (ब्यूरो) उन्होनें बताया कि धनुराशि से मकर राशि में संक्रमण ही 'मकर संक्रान्तिÓ कहलाता है। चूंकि जगत्पिता भगवान् सूर्य इस तिथि को उत्तरायण में प्रवेश करते है इसलिए हर प्रकार के मांगलिक एवं पुण्य कार्य इस पवित्र तिथि से प्रारम्भ हो जाते है। मकर संक्रान्ति के दिन स्नान, दान का महत्व शास्त्रों में विशेष रूप से वर्णित है जिसमें चावल, घी, कम्बल, सुवर्ण, गौ आदि प्रमुख है। इस महापर्व को विभिन्न प्रांतों में खिचड़ी, मकर संक्रान्ति, पोंगल, लोहड़ी आदि नामों से मनाया जाता है। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश, बिहार तथा देश के विभिन्न भागों के साथ-साथ पड़ोसी राष्ट्र नेपाल से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन शिवावतार भगवान गोरखनाथ जी को अपनी पवित्र खिचड़ी चढ़ाते है और अपनी मनोकामना की पूर्ति करते है।

13 से ही परिसर में रुकने की व्यवस्था

लाखों की संख्या में आने वाले श्रद्धालुजनों की सुरक्षा एवं सुविधा का विशेष ध्यान रखते हुये पूरी तैयारी की गई है। योगी कमलनाथ जी ने बताया कि चुंकि मकर संक्रान्ति पर्व परम्परागत रूप से 14 जनवरी को आम श्रद्धालुजन मनाता आया है। दूरदराज और ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते है। इस दृष्टि से 13 जनवरी के दोपहर बाद से ही आने वाले श्रद्धालुओं को परिसर में रूकने की व्यवस्था इस भीषण शीतलहरी में गोरखनाथ मन्दिर परिसर स्थित धर्मशाला और अन्य स्थलों पर की गई है। मकर संक्रान्ति के अवसर पर खिचड़ी चढ़ाने वाले श्रद्धालुजन सुविधा पूर्वक भगवान गोरखनाथ जी का दर्शन कर सके इसके लिये बेरीकेडिंग का काम पूरा किया जा चुका है। मंदिर परिसर में जगह-जगह अलाव की व्यवस्था, पेयजल की व्यवस्था के साथ-साथ परिसर में पहले से मौजूद शुलभ-शौचालय के साथ-साथ मन्दिर परिसर के पश्चिम मेें नए शौचालय बनाए गए हैं।

25 को बुढ़वा मंगल

इसके अलावा मन्दिर परिसर में विद्युत की आपूर्ति अनवरत बना रहे, इसके लिये पर्याप्त मात्रा में जनरेटर रखे गये है। मन्दिर और मेला परिक्षेत्र में प्रत्येक गतिविधि को नजर रखने के लिए जगह-जगह सीसी कैमरे लगाए गए हैं। 15 जनवरी को मकर संक्रान्ति का पर्व मनाया जाएगा इसलिए मकर संक्रांति के बाद दूसरे मंगलवार जो 25 जनवरी को है, यही बुढ़वा मंगल के रूप में मनाया जाएगा। योगी कमलनाथ ने अपील की है कि कोरोना महामारी को देखते हुए शासन-प्रशासन द्वारा जारी गाइड लाइन के अनुसार मेले में मास्क एवं सैनेटाईजर की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। श्रद्धालु मास्क लगाकर ही आएं। गोरखनाथ मंदिर को पॉलिथीन मुक्त क्षेत्र घोषित किया गया है अत: पवित्र खिचड़ी चढ़ाने के खिचड़ी को पॉलिथीन में रखकर न लाएं। इसके अलावा 15 जनवरी को विभिन्न स्वयंसेवी सस्थाओं द्वारा दस नं बोरिंग, पंचपेड़वा, बरगदवा, मोहद्दीपुर, नौसढ़ आदि स्थलों पर श्रद्वालुओं हेतु खिचड़ी ( प्रसाद ) की व्यवस्था की गई है ।

नगर आयुक्त ने की मीटिंग

कोरोना संक्रमित होने के बाद खिचड़ी मेला की तैयारियों को लेकर नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने मंगलवार को वर्चुअल बैठक की। मेला परिसर में लगातार सेनेटाइजेशन, कोविड प्रोटोकाल का अनुपालन कराने व ठंड से बचाव के लिए अलावा की पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश दिए। मंगलवार को दोपहर दो बजे नगर आयुक्त ने अपर नगर आयुक्त आरबी सिंह, उप नगर आयुक्त संजय शुक्ल, सहायक नगर आयुक्त डा। मणि भूषण तिवारी, अविनाश प्रताप सिंह, नर्वदेश्वर पांडेय आदि को खिचड़ी मेला की व्यवस्था का निरीक्षण करने के लिए भेजा। मेला में पहुंचे अफसरों के साथ ही उन्होंने वर्चुअल बात की।

नगर निगम के अभियंताओं की लगी ड्यूटी

खिचड़ी मेला में व्यवस्था ठीक रखने के लिए नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने अभियंताओं को जिम्मेदारी दी है। अभियंता चार विशेष तिथि पर आठ-आठ घंटे की तीन शिफ्ट में ड्यूटी करेंगे। अभियंताओं के साथ लिपिकों की भी ड्यूटी लगाई गई है। 13 जनवरी को सहायक अभियंता आरके पांडेय, राजकुमार, वरिष्ठ लिपिक महंत लाल विश्वकर्मा, भगवान दास यादव मौजूद रहेंगे। 14 जनवरी को अवर अभियंता अतुल कुमार, अवनीश कुमार भारती, सहायक अभियंता शैलेश कुमार, लिपिक शमसुद्दीन, अशोक कुमार उपाध्याय, भगवान दास मौजूद रहेंगे। 15 जनवरी को सहायक अभियंता नवीन श्रीवास्तव, विवेकानंद, लिपिक शमसुद्दीन, महंत लाल विश्वकर्मा मौजूद रहेंगे। 25 जनवरी को अवर अभियंता अतुल कुमार, राजकुमार, लिपिक शमसुद्दीन, भगवानदास की ड्यूटी लगाई गई है।