गले में इंफेक्शन, सीने में जलन

सिटी में अचानक मरीजों की संख्या बढ़ गई है। सभी की प्रॉब्लम एक है गले में इंफेक्शन और सीने में जलन। मगर ये किसी वायरस का अटैक नहीं बल्कि मौसम का साइड इफेक्ट है रोजेदारों पर। रमजान माह में लोग रोजा रखते हैं। इस बार बारिश न होने से मौसम में काफी उमस और गर्मी है। साथ ही दिन भी लंबा हो रहा है। इससे रोजेदारों को करीब 16 घंटे फास्ट रखते हंै। इसके बाद कुछ खाते हैं। इन 16 घंटे पेट में कुछ न जाने से एसिड बनता है, जिसका असर सीने में होते हुए सीधा गले पर पड़ता है। एसिड गले को बर्न कर देता है। इससे गले में जलन, खरास के साथ सीने में जलन और गैस की प्रॉब्लम होने लगती है। इन्हीं प्रॉब्लम से परेशान लोगों की संख्या ओपीडी में लगातार बढ़ती जा रही है। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की ईएनटी ओपीडी में जहां टोटल 80 से अधिक मरीज आ रहे हैं, वहीं अकेले 50 से अधिक लोग सिर्फ इसी प्रॉब्लम से परेशान हैं।

अधिक गर्मी और लंबा दिन होने से रोजेदार लगभग 16 घंटे खाली पेट रहते हंै। इससे पेट में गैस और एसिड बनने लगती है, इससे जीईआरडी प्रॉब्लम क्रिएट हो जाती है और एसिड गले तक चढ़ने लगता है। इस टाइम अधिकांश रोजेदार इस प्रॉब्लम से परेशान हैं।

डॉ। पीएन जायसवाल, ईएनटी सर्जन