गोरखपुर (ब्यूरो)। यूनिवर्सिटी ने 26 जून 2020 को आवेदन किया और फिर सेल्फ स्टडी रिपोर्ट 19 अगस्त 2020 को नैक की वेबसाइट पर अपलोड की गई थी। उसके बाद नैक ने उस रिपोर्ट का मूल्यांकन किया गया। रिपोर्ट के जिन-जिन तथ्यों को लेकर नैक की ओर से आपत्ति की गई, यूनिवर्सिटी ने उनका तत्काल निस्तारण कर दिया। अंत में रिपोर्ट में लिखे तथ्यों के भौतिक सत्यापन के लिए पिछली 7 जून को नैक टीम गोरखपुर आई। 6 सदस्यीय टीम ने तीन दिन तक परिसर की व्यवस्था का बारीकी से मूल्यांकन किया और रिपोर्ट तैयार कर नैक की वेबसाइट पर अपलोड कर दी। उसके बाद महज पांच दिन बाद मंगलवार को परिणाम आ गया। प्रो। गोविंद पांडेय को नैक कोऑर्डिनेशन टीम का चेयरमैन बनाया गया था। उनकी देख-रेख में टीम ने एक साल 10 माह कड़ी मेहनत की, जिसका रिजल्ट उन्हें 'एÓ ग्रेड के रूप में मिला है।

60 एक्सपट्र्स ने की मेहनत

मूल्यांकन के लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कड़ी मेहनत की थी। इसके लिए यूनिवर्सिटी की ओर नैक के सात मापदंडों को पूरा करने के लिए तीन-तीन सदस्यों वाली सात कमेटी बनाई गई थी। इसके अलावा हर विभाग से दो-दो नोडल अधिकारी नामित किए गए थे। विभागाध्यक्षों को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई थी। वाइस चांसलर, फाइनेंस कंट्रोलर, रजिस्ट्रार और एग्जामिनेशन कंट्रोलर को मिला तैयारी के लिए कुल 60 एक्सपट्र्स लगाए गए थे।

ट्विट कर सीएम ने दी बधाई

एमएमएमयूटी की इस उपलब्धि पर कॉलेज में हर्ष का माहौल है। वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी ट्विट कर यूनिवर्सिटी को ए ग्रेड पाने की बधाई दी है। उन्होंने ए ग्रेड मिलने की सूचना शेयर करने के साथ ही यूनिवर्सिटी परिवार और प्रदेश वासियों को बधाई दी है। उन्होंने लिखा है कि 'मुझे पूरा विश्वास है कि अन्य राज्य विश्वविद्यालय भी इसी प्रकार गुणवत्ता के नए मानक स्थापित करने के लिए प्रेरित करेंगे.Ó

इन मानकों पर यूनिवर्सिटी ने साबित की अपनी योग्यता

अध्ययन-अध्यापन व मूल्यांकन, पाठ्यक्रम व सेलेबस, शोध, नवाचार व विस्तार गतिविधियां, अवस्थापना एवं सुविधाएं, ट्रेनिंग व प्लेसमेंट, प्रशासनिक व्यवस्था, प्रशासनिक व्यवस्था, नेतृत्व व प्रबंधक और संस्थागत मूल्य एवं परंपराएं।

यूनिवर्सिटी को बड़ी सफलता मिली है। पहली बार के मूल्यांकन में ए ग्रेड मिलना और भी बड़ी बात है। यह सब हमारी टीम की कड़ी मेहनत का नतीजा है। इस उपलब्धि से यूनिवर्सिटी के शिक्षक, अधिकारी और कर्मचारी सभी उत्साहित है।

- प्रो। जेपी पांडेय, वीसी एमएमएमयूटी