गोरखपुर (ब्यूरो)। कोर्ट में पेश करने के लिए सोमवार की भोर में मुर्तजा को गोरखपुर जेल से कड़ी सुरक्षा के बीच लखनऊ ले जाया गया। रिमांड पूरी होने पर उसे लखनऊ सेंट्रल जेल में ही रखा जाएगा।

परिजनों से मिलने की करता रहा जिद

लखनऊ रवाना होने के पहले मुर्तजा अपने परिजनों से मिलने की जिद पर अड़ा रहा। उसने फोन से बात कराने की बात भी कही। लेकिन बिना डीएम की अनुमति के घरवालों से उसकी बात कराने से पुलिस ने मना कर दिया। गोरखपुर जेल में 16 अप्रैल से ही मुर्तजा को हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया था। मामले की विवेचना कर रही एटीएस ने उस पर यूपीएपीए के तहत कार्रवाई की है। इससे पहले मुर्तजा को 16 अप्रैल तक एटीएस ने पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया था। पूछताछ पूरी होने के बाद 16 अप्रैल को कोर्ट में पेश किया था, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था। 14 दिन की न्यायिक हिरासत 30 अप्रैल को पूरी होने वाली थी। इसके पहले ही मुर्तजा का केस स्पेशल कोर्ट लखनऊ में ट्रांसफर कर दिया गया।

यह है घटनाक्रम

31 मार्च को खुफिया एजेंसियों ने 16 संदिग्धों की लिस्ट जारी की, जिसमें गोरखपुर के अहमद मुर्तजा अब्बासी का भी नाम था और उस पर नजर रखने के निर्देश थे। 2 अप्रैल को एटीएस दो सदस्य मुर्तजा की पड़ताल करने उसके गोरखपुर सिविल लाइन स्थित आवास पहुंचे। 2 अप्रैल को मुर्तजा को जानकारी मिली कि उसे एटीएस तलाश रही थी। उसके बाद वह घर छोड़कर नेपाल भाग गया। 3 अप्रैल की शाम 7.24 बजे मुर्तजा ने गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों पर धारदार हथियार से हमला कर दिया। 3 अप्रैल की रात में मुर्तजा के पकड़े जाने के बाद पुलिस ने उस पर दो केस दर्ज कर

4 अप्रैल को उसे कोर्ट में पेश किया और कस्टडी रिमांड पर ले लिया। 5 अप्रैल को एटीएस को केस ट्रांसफर कर दिया गया, एटीएस ने मुर्तजा को अपनी कस्टडी में ले लिया

11 अप्रैल को कस्टडी रिमांड पूरी हो गई, लेकिन जांच पूरी नहीं होने से एटीएस ने दोबारा कोर्ट में अर्जी देकर पांच दिन उसकी रिमांड बढ़ाने की अपील की। 16 अप्रैल को मुर्तजा की रिमांड पूरी हुई और कोर्ट में पेश किया गया, कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। 25 अप्रैल को मुर्तजा को गोरखपुर से लखनऊ स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया, कोर्ट ने एटीएस की रिमांड में सौंपा।