GORAKHPUR :

जब प्रधानमंत्री ने लॉक डाउन-2 के एक्सटेंशन के वक्त यह कहा कि सीनियर सीटिजन को ध्यान देने की जरूरत है तो इनके केयरिंग की जिम्मेदारी बढ जाती है। जिन सीनियर सीटिजन के केयरिंग के लिए घर में कोई न कोई है, उन्हें तो कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन वृद्धाआश्रम में रहने वाले सीनियर सीटिजन के केयरिंग किस तरह से हैं, इसका खुलासा हुआ दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के रियल्टी चेक में।

कहने के लिए तो वृद्धाआश्रम इनके ध्यान के लिए स्वयं जिला प्रशासन की टीम मानिटरिंग कर रही है। खुद डीएम राउंड लगाते हैं। यहां तैनात स्टॉफ कहते हैं कि सीनियर सीटिजन का पूरा ध्यान रखा जाता है, लेकिन अंदर की तस्वीर इसकी उलटी कहानी कहती है। एक अदद बिस्तर नहीं होने से एक सीनियर सीटिजन फर्श पर ही लेटी दिखीं।

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट टीम बैक रोड स्थित मातृ छाया पहुंचा तो वहां एक सिक्योरटी गार्ड मिला जो बैठा हुआ था। एक बुजुर्ग महिला जमीन पर लेटी पड़ी हुई थी। बगल में भोजन की थाली और पानी का बोतल पड़ा हुआ था। मालमू पड़ रहा था कि महिला ने खाना खाकर वहीं लेट गई हो। कुछ ही देर में संस्था के डायरेक्टर आलोक मणि त्रिपाठी भीतर से निकलकर आए। उन्होंने बताया कि उनके यहां कुल 20 महिलाएं हैं। जिनकी पूरी निगरानी के लिए जिला प्रशासन ने लगा रखी है। डीएम साबह स्वयं आकर देखकर जाते हैं। दूसरा यहां कोई आता जाता नहीं है। ऐसे में बहुत दिक्कत नहीं है। लेकिन एहितयातन सोशल डिसटेंसिंग और साफ-सफाई का पूरा ध्यान दिया जाता है। बगैर सेनेटाइजेशन कुछ छूने नहीं दिया जाता है। यहां बुर्जुग महिलाअें की देख रेख 80 वर्ष की सेवती भी करती हैं। जो बेहद बुजुर्ग हैं। लेकिन इन पर हम सभी की निगाहें रहती हैं।

बेहतर इंतजाम के हैं निर्देश

जब टीम राजेंद्रनगर स्थित स्माइल होम वृद्धाश्रम पहुंची तो वहां कुल 23 पुरुष वृद्ध और जवान की अलग-अलग ठहरने के इंतजाम किए गा हैं। संस्था में जहां सात सीनियर सीटिजन 60 वर्ष से उपर उम्र के हैं। वहीं बाकी 50-60 के बीच में है तो कुछ उससे भी नीचे। संस्था के डायरेक्टर आजाद पांडेय बताते हैं कि लॉक डाउन में जहां सिर्फ नास्ता और भोजन तक ही सिमटा था। वहीं अब फल के साथ-साथ शाम को दूध की भी व्यवस्था कर दी गई है। लेकिन यहां की वृद्ध महिलाएं कुछ बोलती नहीं हैं, वे बस टकटकी लगाएं साहब की बातें सुनती हैं।

मिलने वाली सुविधाएं

- शेल्टर फूड, एजुकेशन, वोकेशनल रिहैबिलिटेशन, इंटरटेंनमेंट, स्पोट्रसर्, म्यूजिक, डांस, द वल्डर् आउट साइड काउंसलिंग, मेडिकल हेल्प आदि

वर्जन

हम सभी ऐसे सीनियर सीटिजन के ख्याल रखने के लिए पहले से ही निदेशित किया जा चुका है कि इनकी पूरी निगरानी रखी जाए। इसके लिए राउंड भी लगाया जाता है। जो गाइडलाइन है। उसका पालन कराया जाता है।

एसडीएम गौरव सिंह सोंगरवाल,ज्वाइंट मजिस्ट्रेट