गोरखपुर (ब्यूरो)। नगर निगम की टीम की तरफ से घर का सेनेटाइजेशन तक नहीं हो रहा है। इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर से फोन करके हालचाल की खानापूर्ति की जा रही है, लेकिन मौके पर कोई टीम नहीं आ रही है।
कंट्रोल रूम से कॉल में पूछे जा रहे सवाल
- मरीज का नाम
- उम्र
- मोबाइल नंबर
- पॉजिटिव होने की तिथि
- वर्तमान पता
- आरआरटी, डॉक्टर की टीम द्वारा भ्रमण किया गया या नहीं
- दवा प्राप्त हुई या नहीं
- पल्स आक्सीमीटर है या नहीं
- बुखार या खांसी, सांस लेने में तकलीफ
- डायबिटीज, हाइपरटेंशन, किडनी, कैंसर, लीवर, हार्ट, अस्थमा
- घर सेनेटाइज हुआ या नहीं
- भर्ती होना चाहते हैैं या नहीं
- पहले दिन का तापमान
- दूसरे दिन का तापमान
- तीसरे दिन का तापमान
- पांचवे दिन का तापमान
- सांतवें दिन का तापमान
बातचीत में बताई पीड़ा
केस-1: आवास विकास कॉलोनी शाहपुर के अश्विन बताते है कि कोरोना पॉजिटिव होने पर दवाएं तो समय से मिल जाती थीं, पर सेनेटाइजेशन के लिए घर कोई नहीं आता था, हम लोग खुद ही सेनेटाइजेशन कर रहे है।
केस-2: पादरी बाजार के विनोद गुप्ता ने बताया कि सेनेटाइजेशन के लिए कोई नहीं आया, सिर्फ फोन पर हालचाल लिया जाता है। डॉक्टर भी नहीं आते हैैं।
केस-3: एम्स एरिया के मनोज सिंह ने बताया, वह हॉस्टल में रह के पढ़ाई करते हैैं। हेल्थ डिपार्टमेंट की तरफ से जो संसाधन मुहैया कराए जाने चाहिए। वह नहीं कराए जा रहे हैैं।
(नोट: कोरोना पॉजिटिव मरीजों के नाम परिवर्तित हैं.)
कोरोना संक्रमित मरीजों के होम आइसोलेशन के दौरान उनका प्रॉपर ट्रीटमेंट किया जा रहा है। आरआटी के मेंबर्स पहुंच भी रहे हैैं। अगर कहीं लापरवाही हो रही है तो इसके लिए कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
- डॉ। आशुतोष कुमार दुबे, सीएमओ गोरखपुर