-रेलवे स्टेशन से कचहरी तक लापरवाही का आलम

-सुरक्षा में सेंध लगाना आसान, कोई नहीं देता ध्यान

GORAKHPUR:दिल्ली में इजरायली दूतावास के पास रविवार को बम विस्फोट हुआ। इस घटना के बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। सीएम ऑफिस यूपी गवर्नमेंट के टवीटर हैंडल से इसे टवीट भी किया गया। लेकिन घटना के 24 घंटे के भीतर ही गोरखपुर में जिम्मेदार बेपरवाह नजर आए। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने सोमवार को रियलिटी चेक किया तो सिटी की सुरक्षा भगवान भरोसे मिली। शहर के विभिन्न जगहों पर जहां सुरक्षा को लेकर कोई मुस्तैदी नहीं नजर आई। वहीं, रेलवे स्टेशन पर भी आरपीएफ और जीआरपी की चेकिंग नहीं मिली।

स्थान: रेलवे स्टेशन, कैब से लेकर प्लेटफार्म नंबर एक तक

समय: दोपहर 01.15 बजे

सोमवार दोपहर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने कैब-वे गेट से स्टेशन परिसर से एंट्री किया। कैब वे पर कोई चेकिंग नहीं की गई। उस समय प्लेटफार्म नंबर एक पर अवध स्पेशल ट्रेन खड़ी थी। ट्रेन के एस 13 कोच के सामने आरपीएफ के दो कांस्टेबल खड़े नजर आए। दोनों शायद, ट्रेन के जाने का इंतजार कर रहे थे। करीब पांच मिनट तक वहीं घूमने के बाद टीम आगे बढ़ गई। स्टेशन पर कौन आ रहा है। कौन जा रहा है। इसकी कोई टेंशन सुरक्षा कर्मचारियों को नहीं थी। टीम गेट नंबर पांच के सामने पहुंची। लगेज स्कैनर के पास डयूटी में मौजूद कांस्टेबल मोबाइल में बिजी थे। स्टेशन पर आने वाले लोग बिना बैक चेक कराए प्लेटफार्म पर पहुंच जा रहे थे। उनके हाथों और कांधे पर किस तरह का सामान है। करीब 15 मिनट तक चहलकदमी करती टीम प्लेटफार्म नंबर नौ पर पहुंची। इस जगह भी वहीं हालत थी। असुरन की तरफ से आने वाले रास्ते से व्हीकल आराम से आ जा रहे थे। इस प्लेटफार्म पर कोई सुरक्षा कर्मचारी भी नजर नहीं आया। एक वेंडर से पूछा गया कि जब कोई ट्रेन आती है तो तभी आरपीएफ और जीआरपी वाले गश्त करते हैं।

स्थान: रेलवे बस स्टेशन

समय: दोपहर 1.45 बजे

रेलवे बस स्टेशन पर काफी भीड़ थी। बस ड्राइवरों की मनमानी से सड़क पर जाम लगा था। सुरक्षा तो छोडि़ए, जाम छुड़ाने के लिए भी वहां कोई पुलिस कर्मचारी नहीं मौजूद नहीं थे। टीम बस स्टेशन के पूछताछ काउंटर के सामने पहुंची। काउंटर के भीतर एक महिला कर्मचारी और तीन-चार अन्य मौजूद थे। बसों का किराया लिस्ट पढ़ने के बहाने रिपोर्टर ने अपना बैग वहीं रख दिया। करीब 10 मिनट तक बैग लावारिस हाल पड़ा रहा। लेकिन किसी ने इसकी सुधि नहीं ली। इसके बाद बैग उठाकर रिपोर्टर वहां से निकल गया। एक- दो बस वालों ने जबरन अपनी बस में बैठाने का प्रयास भी किया। इसके बाद टीम दीवानी कचहरी पहुंची

स्थान: दीवानी कचहरी

समय: दोपहर 2.5 बजे

दीवानी कचहरी की सुरक्षा को लेकर काफी मुस्तैदी बरती जा रही है। कचहरी के दोनों गेट से चेकिंग के बाद ही एंट्री मिल पाती है। कैंट थाना गेट की तरफ भारी तादाद में पुलिस कर्मचारी मुस्तैद रहते हैं। लगेज स्कैनर से होकर ही सामान भीतर जा पाता है। जबकि हर किसी को डोरफ्रेम मेटल डिटेक्टर से होकर गुजरना पड़ता है। यहां जब टीम पहुंची तो बैग को स्कैनर से पार कराया गया। लेकिन कचहरी से सटे यूनियन बैंक की ब्रांच के पास एक छोटा रास्ता है। एक व्यक्ति के गुजरने की भर की जगह बनाई गई है, जिससे अधिवक्ता और फरियादी आवागमन करते हैं। अपना बैग टांगे रिपोर्टर उसे रास्ते से कचहरी में पहुंच गया। फिर लॉकअप से लेकर गेट तक के दो चक्कर लगाए। वापस लौटते समय भी वहां कोई पुलिस कर्मचारी नहीं मिला। एक-दो अधिवक्ताओं ने बताया कि कभी-कभी कांस्टेबल रहते हैं। शायद, अगल-बगल कहीं टॉयलेट चले गए होंगे।

स्थान: विशाल मेगा मार्ट, अंबेडकर चौराहा

समय: दोपहर 2.30 बजे

अंबेडकर चौराहे पर ही मार्ट है। यहां पर एंट्री करने वालों की कोई चेकिंग नहीं हो रही थी। कंधे पर बैग टांगे रिपोर्टर पहुंचा तो भीतर एंट्री गेट के पास ही आलमारी में लोग बैग रखकर मार्ट में जाते नजर आए। लोग बैग या अन्य सामान रखकर खुद ही टोकन लेते थे। रिपोर्टर ने बैग रखा, कुछ देर तक वह खड़ा रहा। इसके बाद दोबारा बैग उठाकर वहां से चलता बना। प्राइवेट फर्म के भीड़ वाली जगह पर भी किसी ने कोई टोकाटाकी नहीं की। इन चार जगहों के अतिरिक्त टीम ने शहर के विभिन्न हिस्सों का जायजा लिया। दिल्ली में बम फूटने की घटना के बाद जारी अलर्ट का कोई असर नहीं नजर आया।

जंक्शन पर सुरक्षा की बात बेमानी

प्लेटफार्म नंबर एक और नौ पर खुले कैब वे से किसी के आने-जाने पर कोई रोक नहीं है।

रेलवे स्टेशन के ओवरब्रिज से होकर बाहर से कोई भी सामान उठाकर सीधे प्लेटफार्म तक पहुंचा जा सकता है।

आरएमएस के पास स्केलेटर लगा है। यहां पर कोई चेकिंग नहीं होती है। आराम से दाखिल हो जाते हैं।

धर्मशाला बाजार और कौआबाग की तरफ रेलवे ट्रैक होते हुए भी जंक्शन पर पहुंचना बेहद आसान है।

बस अडडे पर कभी- कभार नजर आती पुलिस

रेलवे बस स्टेशन पर जाम न लगे तो पुलिस दिखाई नहीं देगी। स्टेशन पर लगने वाली पिकेट किसी सूचना पर ही पहुंचती है। यहां पुलिस बूथ अक्सर खाली नजर आता है। सोमवार को जाम होने के बावजूद कोई पुलिस कर्मचारी नहीं मिले। बस वालों की मनमानी के कारण उधर से गुजर रहे लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही थी। कुछ दुकानदारों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि रात में कभी-कभार पुलिस नजर आती है।