गोरखपुर (ब्यूरो): जिले में करीब 14 हजार एमएसएमई इकाइयां हैं। आधारभूत संरचना में तेजी से निवेश से भी उद्यमी उत्साहित हैं, उनका कहना है कि इससे बाजार में बूम आएगा। स्टील सहित अन्य उत्पादों की मांग बढ़ेगी। एनपीएस में टैक्स कटौती पर छूट की सीमा बढऩे से कर्मचारियों को राहत मिली। 3 वर्ष के अंदर देशभर में 400 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चलाने तथा एक जिला उत्पाद और एक स्टेशन की घोषणा कर पूर्वोत्तर रेलवे और पूर्वांचल के लोगों की उम्मीदें भी बढ़ा दी हैं। इससे टेराकोटा को और मजबूती मिलेगी। घरों, बाजार और मोबाइल पर बजट देखते हुए गोरखपुराइट्स ने कहा, जितनी उम्मीद थी उतना तो नहीं मिला, लेकिन यह बजट अर्थव्यवस्था को मजबूती जरूरी प्रदान करेगा। बजट को लेकर सिटी के बिजनेसमैन, वर्किंग पर्सनल्स, स्टूडेंट्स, डॉक्टर्स, एडवोकेट, सीए, एंटरप्रेन्योर, गृहिणियों और यूथ को एक प्लेटफॉर्म देकर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने डिस्कशन कराया। इसमें लोगों ने बेबाकी से अपनी बातें रखीं।

छूट गया मिडिल क्लास

डिस्कशन के दौरान सामने आया कि केंद्र की ओर से जारी किए गए इस बजट में मिडिल क्लास की उम्मीदें टूट गईं। न तो उन्हें टैक्स में ही राहत मिली और न ही उनकी जरूरत की चीजें ही सस्ती हुई। अपर क्लास और लोअर क्लास पर फोकस्ड बजट रहा। डायमंड पर कस्टम ड्यूटी कम होने के बाद इसका फायदा किसी को भी नहीं होने वाला है, ऐसा इसलिए कि यहां पर सिर्फ रॉ मैटेरियल का इस्तेमाल किया जाता है और इंडिया डायमंड तराशने का सबसे बड़ा हब है। ऐसे में यहां पर तराशे हुए डायमंड लाने से भी कोई खास फायदा नहीं मिलेगा। टैक्स स्लैब न बढऩे से वर्किंग क्लास काफी निराश है।

एजुकेशन सेक्टर में पिछड़ों का ध्यान, वंदेभारत की जगी आस

एजुकेशन सेक्टर की बात उठी तो इसमें पीएम ई-विद्या योजना का जिक्र आया। ऐसे में इसे उन स्टूडेंट्स के लिए बेहतर बताया गया जो पिछड़े इलाके और पिछड़े वर्ग से आते थे। योजना के तहत एक चैनल एक क्लास अब 12 से 200 टीवी चैनल तक किया गया है। खास बात यह है कि इसके जरिए रिमोट एरिया के क्लास 1 से 12वीं तक के स्टूडेंट्स रीजनल लैंग्वेज में एजुकेशन हासिल कर सकेंगे। रेलवे की बात भी सिर्फ चंद शब्दों में कह दी गई। इसमें 400 वंदे भारत चलाए जाने का जिक्र हुआ है। अगर यह गोरखपुर के रास्ते चलाई जाती है, तो यहां के लोगों के लिए राहत की बात होगी और लोग दिल्ली तक का सफर कम समय में तय कर सकेंगे।

हेल्थ सेक्टर अछूता

डिस्कशन के दौरान यह बात भी सामने आई कि जिस तरह से कोविड ने कहर बरपाया था, लोगों को उम्मीद थी कि इस बजट में हेल्थ और एजुकेशन सेक्टर के लिए काफी कुछ होगा। मगर हेल्थ सेक्टर इस मामले में बिल्कुल अछूता रहा है। जहां लोग हेल्थ सेक्टर में राहत की उम्मीद लगाए थे, उन्हें पूरी तरह से निराशा ही हाथ लगी। न तो कोविड से जुड़ी वैक्सीन पर ही कोई राहत मिली और न ही इससे जुड़ी दवाओं की मैन्यूफैक्चरिंग या सेल पर ही कोई चर्चा की गई।

कोर बैंकिंग से मिलेगी राहत

बजट के बाद ऑर्गनाइज हुए इस डिस्कशन में पोस्ट ऑफिसेस को कोर बैंकिंग से जोडऩे की बात की गई है। इससे काफी बड़ी तादाद में इसके यूजर्स को राहत मिलेगी। बैंकिंग सेक्टर की तरह पोस्ट ऑफिस भी वर्क करेंगे तो उन्हें अपने खाते से जुड़ी व्यवस्थाओं को मॉनीटर करने और इसका कहीं भी इस्तेमाल करने में असुविधा नहीं होगा। क्रिप्टो करंसी पर भी डिस्कशन हुआ। इसमें यह बात सामने आई कि क्रिप्टो करंसी चंद घंटों में बन जाने वाली करंसी है और इसका काफी दुरुपयोग किया जा रहा था। अब 30 परसेंट टैक्स लग जाने से इल्लीगल ट्रांजैक्शन पर लगाम लगेगी और वर्किंग में फेयरनेस आएगी।

ऑनलाइन कंसल्टेशन के लिए अभी बजट में कुछ डिटेल्स सामने नहीं आया। उम्मीद थी कि मेडिकल में यूज होने वाले मशीनरी पर सरकार जीएसटी कम करेगी। एक्स-रे, एमआरआई, सिटी स्कैन मशीन आदि बहुत महंगी आती है। अगर सरकार जीएसटी कम करती है तो पेशेंट्स को ही फायदा होगा। इलाज सस्ते हो सकेगा।

- डॉ। राजीव गुलाटी, वरिष्ठ दंत चिकित्सक

बजट में सरकार को लोअर मिडिल क्लास का ध्यान रखना चाहिए था। टैक्स स्लैब को बढ़ाना चाहिए था। मीडिल क्लास की जेब में पैसा आएगा तो वहीं प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चे पढ़ा पाएगा। हमें उम्मीद थी कि पेंसिल, बुक या पढ़ाई में यूज होने वाले सामान को जीएसटी कम की जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका है।

अजय शाही, डायरेक्टर आरपीएम एकेडमी

रेलवे में जो फोकस है। इंफ्राटेक्चर डेवलपमेंट पर है और पीएम गति शक्ति प्लान है उसको गति के लिए 1.40 हजार करोड़ एलोकेट किया है। साथ ही 400 नई हाई स्पीड टे्रन वंदे भारत तीन साल के अंदर चलाने की बात भी की गई है। एक जिला उत्पाद और एक स्टेशन की घोषणा कर उम्मीदों को पंख लगेंगे, लेकिन जहां पर रेलवे की कनेक्टीविटी नहीं है उसे जल्द से जल्द जोडऩा चाहिए, सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी से भागा नहीं जा सकता।

महेंद्र सिंह, सदस्य रेलवे परामर्शदात्री समिति

कैप्टिल स्पेंडेचर तेजी से बढ़ाया गया है। जितना कैपिटल स्पेंडेचर बढ़ेगा उतना ही मॉर्केट में पैसा आएगा। एक आम आदमी की इनकम उतनी तेजी से बढ़ती है। बहुत अच्छा स्टेप लिया गया है। इंपोर्ट डयूटी की हमें उम्मीदें कम थी क्योंकि सरकार ने घटाई थी। वहीं पॉलिश डायमंड में इंपोर्ट डयूटी घटाई गई है, यहां रफ डायमंड यूज होता है, इसलिए ज्यादा फर्क नहीं आएगा।

- वैभव सराफ, डायरेक्टर, ऐश्प्रा जेम्स एंड ज्वेलर्स

बैंकिंग सेक्टर में ज्यादा कुछ नहीं किया गया है। एनपीए, कोविड का प्रेशर है। लोन भी बांटा गया, लेकिन जिस तरीके को बैंकों को बूस्टिंग चाहिए थी वह नहीं दी गई। 15 हजार करोड़ बैंकिंग को दिया गया है। जबकि बैंकिंग बूस्ट के लिए कम से कम 1 लाख करोड़ की जरूरत थी कम से कम सरकार को देता देना चाहिए था।

भावेश गुप्ता, सीए

सरकार ने बजट देश के फ्यूचर को ध्यान में रखकर बनाया है। आईटीआर फाइल करते समय कोई गलती छूट भी जाएगी तो अब दो साल के अंदर उसे करेक्ट करा सकते हैं। वहीं, रूरल एरिया का ज्यादातर अकाउंट पोस्ट ऑफिस में रहता है। पोस्ट ऑफिस को बैंकिंग सेक्टर में लाने से ज्यादा फायदा रूरल को होगा। क्रिप्टोकैरेंसी पर 30 प्रतिशत टैक्स लगाना सही है।

सिल्की अग्रवाल, प्रोफेशनल

सरकार ने बजट में टैक्स स्लैब नहीं बढ़ाया है। 80-सी पर कुछ डिडक्शन नहीं बढ़ाया गया। 80 सी कुछ सरकार करती है उससे आम जनता की बचत होती है। दो साल का सरकार जो रिबेट दे रही है उसमें पेनॉल्टी और लेट फी लगाकर आप करेक्शन अपडेट कराएंगे। पहले रिवीजन एक साल का था अब नौ महीने की हो गया है। सैलरी पर्सन को कोई लाभ नहीं मिला।

राशिद मुस्तफा, सचिव, आईसीए गोरखपुर चैप्टर

डिजिटल इंडिया की बात हो रही है। अच्छी बात है, लेकिन सरकार स्वाइप पर जो टैक्स ले रही है। वह ठीक नहीं है। अब तो फीस भी स्वाइप करकार ही मिलती है, उसका भी टैक्स देना पड़ता है। यूनिवर्सिटी में कोर्स शुरू किया गया। सभी कुछ होता है, लेकिन सरकार ज्योतिष पर कोई रिसर्च नहीं कराती। ज्योतिष के लिए कोई स्कूल नहीं है। इसे होना चाहिए।

पं। नरेंद्र उपाध्याय, ज्योतिर्विद

विधि क्षेत्र में माना जाता है बार और बेंच का पैरलल होना चाहिए। हम टैक्स देते है। जो जरूरी चीजें है वह न्यायालय से बाहर बनाए जा रहे है, जोकि एक ही कैंपस में होना चाहिए। जब किसी को न्याय नहीं मिलता है तब वह एडवोकेट के पास आता है। सरकार को बजट में बार के बैठने की व्यवस्था बजट से ही आदेश हो। लोग हमसे न्याय की उम्मीद करता है और हम लोग मारे-मारे फिरते है।

वीरेंद्र धर दूबे, वरिष्ठ एडवोकेट

बजट में 9.4 प्रतिशत ग्रोथ की फोरकास्ट की गई है। म्यूचुअल फंड की बात करें तो इक्विटी ही ग्रोथ कर रही है। बांड मॉर्केट में भी फेयर वैल्यूएशन आनी चाहिए। विकसित देश में एक पेंशन पॉलिसी है 401 के जो अच्छी है। यह बताया गया है कि 401के जैसी स्कीम सरकार लाने वाली है। क्रिप्टोकैरेंसी पर टैक्स लगाने से फ्रॉड रुकेगा।

आशीष अग्रवाल, एमडी आईआईएफएल

हेल्थ के हिसाब से सरकार का यह बजट लॉलीपॉप जैसे है। इस बजट में कोविड को कवर नहीं किया गया है। कोविड वैक्सीन पर सरकार जीएसटी लगा रही रही है। जहां पूरे देश में वैक्सीनेशन फ्री है वहीं प्राइवेट के लिए 18 प्रतिशत जीएसटी लग रही है। सरकार आम आदमी से टैक्स के जरिए अपना इकॉनॉमी ग्रोथ कराना चाह रही है।

डॉ। सुरहिता करीम, वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ

सरकार कपड़ा सस्ता की है अच्छी बात है। बजट अच्छा है। टेक्सटाइल्स में 12 प्रतिशत जीएसटी को परमानेंटली हटा देनी चाहिए। 5 प्रतिशत तक ही ठीक है। सरकार को टैक्स रिबेट देना चाहिए था। स्लैब को बढ़ाना चाहिए था। कोविड के दौरान जिन कपड़ा व्यापारियों का बिजनेस बंद हो गया, उनके लिए सरकार को कुछ पैकेज देना चाहिए था।

मनीष सराफ, उपाध्यक्ष चेंबर ऑफ टेक्सटाइल्स

चिंतन कौशल और शिक्षण परिवेश को बढ़ावा देने के लिए आभासी प्रयोगशालाएं और कौशलपरख ई-प्रयोगशाालएं चलाई जाएंगी। डिजिटल टीचर्स के माध्यम से गुणवत्तापरक ई-विषयवस्तु उपलब्ध कराई जाएगी। इससे एजुकेशन लेवल मेें सुधार होगा। मिडिल क्लास के लिए भी अच्छे ऐलान की जरूरत थी।

राजीव गुप्ता, स्टेपिंग स्टोन इंटर कॉलेज

वन क्लास वन टीवी चैनल कार्यक्रम को 200 टीवी चैनल्स पर दिखाने का निर्णय सराहनीय है। डिजिटल यूनिवर्सिटी की स्थापना से गुणवत्तापरक शिक्षा दी जा सकेगी। एजुकेशनल प्रोडक्ट पर जीएसटी रेट कम होने चाहिए थे।

डॉ। सलिल श्रीवास्तव, डायरेक्टर जेपी एजुकेशन एकेडमी

बजट का मुख्य आकर्षण टैक्स रिटर्न को भरने में हुई गलती को दो साल में सुधारने की सुविधा देना है। अच्छी बात यह है कि किसी प्रकार का कोई नया कर नहीं लगाया गया है।

विनीत पोद्दार, सांवरिया होलसेल क्लॉथ बाजार

यह बजट आजादी के अमृत महोत्सव का बजट है। शिक्षा को सर्व सुलभ बनाने का प्रयास किया गया है। बजट में किसानों, नौजवानों सहित सभी वर्गों को सुविधा देने का प्रयास किया गया है। इस बजट में किसी प्रकार का नया टैक्स नहीं लगाया गया है। ये बजट अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के साथ नए अवसर तैयार करेगा।

- शिव प्रताप शुक्ल, राज्यसभा सांसद