गोरखपुर (ब्यूरो)। अभी स्मार्ट मीटर नहीं लगाया जा रहा है, जिनके घरों में स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं वह स्मार्ट मीटर तेज चलने और गड़बड़ी का हवाला देकर कनेक्शन की पीडी करना रहे थे। चारों डिविजन में परमानेंट डिस्कनेक्शन के लिए लगातार आवेदन आ रहे थे। जिस पर बिजली निगम ने ब्रेक लगा दिया है।

56 हजार कंज्यूमर्स के पास स्मार्ट मीटर

शहर के चारों डिविजन में दो लाख से अधिक कंज्यूमर्स हैं, जिसमें से 56 हजार से अधिक कंज्यूमर्स के घरों पर स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं। मगर पूरे प्रदेश में स्मार्ट मीटर में खराबी होने की वजह से पॉवर कॉरपोरेशन ने इस पर रोक लगा दी थी। इसके बाद से नए कनेक्शनों पर इलेक्ट्रानिक मीटर लगाना शुरू किया गया। इसके बाद बिजली निगम ने कंज्यूमर्स से फीडबैक भी लिए थे। इनमें से ज्यादातर ने स्मार्ट मीटर तेज चलने और ज्यादा बिल आने की कंप्लेन की थी।

खुद जोड़ देता है पेनाल्टी

अफसरों ने बताया था कि स्मार्ट मीटर निर्धारित से ज्यादा क्षमता की बिजली का उपभोग होने पर खुद ही पेनाल्टी की भी गणना कर बिल में जोड़ देता है। बावजूद इसके स्मार्ट मीटर कंज्यूमर्स ने कनेक्शन को पीडी कराने के लिए बिजली घरों पर आवेदन किया। पीडी के आ रहे आवेदन को देखते हुए बिजली निगम ने अफसरों ने स्मार्ट मीटर कंज्यूमर्स से एफिडेविट मांगा। एफिडेविट में दो साल तक नया कनेक्शन देना का प्रावधान नहीं हैं। इसके बाद से ही पीडी कराने वाले स्मार्ट मीटर कंज्यूमर्स के आवेदन की संख्या कम होती गई।

स्मार्ट मीटर कंज्यूमर्स को कनेक्शन पीडी कराने के लिए एफिडेविट देना अनिवार्य कर दिया गया है। इसकी वजह से परमानेंट डिस्कनेक्शन कराने वालों की संख्या कम हो रही है। यह चारों डिविजन में लागू किया गया है।

- ई। यूसी वर्मा, एसई शहर