गोरखपुर (ब्यूरो)। ट्रेनिंग एवं प्लसेमेंट सेल की कोऑर्डिनेटर प्रो। सुनीता मुर्मू ने बताया कि एनजे इनवेस्टमेंट, सूरत के आखिरी फेज में एमबीए के दो स्टूडेंट सैयद मोईन अहमद जैदी व राघवेन्द्र राम त्रिपाठी का सेलेक्शन हुआ है। चयनित स्टूडेंट्स को कंपनी की ओर से 6.5 लाख का पैकेज प्रदान किया जाएगा। अगले हफ्ते फाइनल स्टेज का इंटरव्यू होगा। ऐसे ही ट्यूरिंग नोएडा ने अगले चरण में कंपनी की ह्यूमन रिसोर्स मैनेजर देवयानी सिंह स्टूडेंट्स को ह्यूमन रिसोर्स असाइनमेंट दिया है। उसके बाद अंतिम चरण में एमबीए की महिमा गुप्ता और बीबीए के सत्यम तिवारी का इंटरव्यू होगा। ट्यूरिंग नोयडा की ओर से एमबीए/बीबीए ह्यूमन रिसोर्स स्पेशलाइजेशन के स्टूडेंट्स का सेलेक्शन 4-9 लाख के वार्षिक पैकेज प्रदान किया जाएगा।

सोश्योलॉजी डिपार्टमेंट की ओर से ऑर्गनाइज रिफ्रेशर पाठ्यक्रम में बोले एक्सपर्ट

गोरखपुर यूनिवर्सिटी के यूजीसी एचआरडी सेंटर और सोश्योलॉजी डिपार्टमेंट के संयुक्त तत्वावधान में रिसर्च मेथाडोलॉजी विषय पर आयोजित सेकेंड रिफ्रेशर प्रोग्राम के तहत लेक्चर ऑर्गनाइज किया गया। पहले सेशन में लखनऊ यूनिवर्सिटीके प्रोफेसर डीआर साहू, सेकेंड सेशन में इलाहाबाद केंद्रीय यूनिवर्सिटीके सोश्योलॉजी डिपार्टमेंट के अध्यक्ष प्रोफेसर आशीष सक्सेना और थर्ड सेशन में गोरखपुर यूनिवर्सिटी बायोटेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के अध्यक्ष प्रोफेसर शरद मिश्र के लेक्चर ऑर्गनाइज किए गए।

बताया शोध प्रविधि का महत्व

प्रथम सत्र में व्याख्यान देते हुए लखनऊ यूनिवर्सिटी के सोश्योलॉजी डिपार्टमेंट के अध्यक्ष एवं भारतीय सोश्योलॉजी परिषद के पूर्व महसूस प्रो डी। आर। साहू ने शोध प्रविधि के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि समाज को शोध के साथ जोडऩा होगा। अनुसन्धान नवीन ज्ञान की खोज के साथ साथ प्रचलित बोध के परिमार्जन की विधि है। अनुसन्धान के मुख्य तीन अवयव हैं- सिद्धांत, तर्क एवं विधि। इसके समंजस्य से उपजे ज्ञान को ही विज्ञान की संज्ञा दी जा सकती है।

गुणात्मक शोध की जानी बारीकियां

कार्यक्रम के द्वितीय सत्र को प्रोफेसर संबोधित करते हुए इलाहाबाद सोश्योलॉजी डिपार्टमेंट के अध्यक्ष प्रो आशीष सक्सेना ने गुणात्मक शोध प्राविधि पर व्याख्यान देते हुए बताया कि आज सामाजिक विज्ञान में व्यवस्था की जगह व्यक्ति अध्ययन के केंद्र में है और व्यक्ति के अध्ययन में गुनात्मक पद्धतियाँ ज्यादा लाभकारी सिद्ध हुई हैं। आपने अपने व्याख्यान में पद्धतिशास्त्र के चरणबद्ध उदविकास अध्ययन की विभिन्न पद्धतियों पर प्रकाश डाला है।

शोध प्रक्रिया पर रखीं बातें

रिफ्रेशर पाठ्यक्रम के तृतीय सत्र में गोरखपुर यूनिवर्सिटी के बायोटेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के अध्यक्ष प्रोफेसर शरद मिश्रा ने शोध प्रक्रिया के विभिन्न चरण पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए पर्यावरण में हो रहे व्यापक परिवर्तन एवं इसके प्रभावों पर प्रकाश डाला और कहा कि समाजविज्ञान को पर्यावरण के क्षेत्र में शोध की उपादेयता पर जोर देना होगा। आज तीनों सत्रों में कार्यक्रम की संयोजक प्रोफेसर संगीता पांडेय ने अतिथियों का स्वागत किया। सह संयोजक डॉ मनीष पांडेय ने आभार ज्ञापन एवं सत्र का संचालन डॉ प्रीति मिश्रा ने किया।