गोरखपुर (ब्यूरो).इस दिनों गोरखपुर के तरकुलहा मंदिर, बुढिय़ा माई का मंदिर, पीपीगंज के समय माता मंदिर और महराजगंज स्थित लेहड़ा देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की खूब भीड़ जुट रही है। इसमें हैरान कर देने वाली बात ये है कि गांव देहात से आ रही ट्रैक्टर ट्रॉली या ओवरलोड वाहों पर 40 से 50 लोग सवार होकर दर्शन करने जा रहे हैं। जो कभी खतरे का सबब बन सकता है।

भीड़ बढऩे से डिसबैलेंस हो जाती है गाड़ी

एक्सपर्ट की मानें तो ट्रैक्टर की अपनी क्षमता होती है। क्षमता से अधिक लोगों को ट्रॉली पर सवार कर लेने के बाद ट्रैक्टर का बैलेंस खराब हो जाता है। वहीं, ब्रेक भी ठीक से काम नहीं करता है, जिस तरफ लोड पड़ता है, उसी तरफ गाड़ी भागती है। ऐसे में कहीं भी सड़क पर ऊंच-नीच पडऩे पर गाड़ी पलटने का खतरा रहता है। कानपुर की घटना इसका जीता जागता उदाहरण है।

नहीं होती चेकिंग

गोरखपुर में कभी ऐसी गाडिय़ों की चेकिंग नहीं होती है। मेला के समय में बहुत से लोग आस-पास के गांव से शहर में घूमने आते हैं। रास्ते में थाना और कई सारी चौकियां भी मिलती हैं, लेकिन कोई उन्हें रोकता या चेक नहीं करता है। बेरोक टोक ये लोग मनमानी करते हैं।

वर्षवार हादसे

साल ----- एक्सीडेंट ---- मौतें ---- घायल

2021 ---- 439 ------- 186 ---- 275

2020 ---- 323 ------- 146 ---- 215

2019 ---- 330 ------- 270 ---- 344

8043 टै्रक्टर गोरखपुर में रजिस्टर्ड

एक्सीडेंटल प्वाइंट

- दाना पानी

- नौसड़

- कालेसर

- कोनी

- बोक्टा

- महावनखोर

- कसरौल

- रामनगर करजहां

- भीटी रावत

- मोतीराम अड्डा

अभी हमारे पास कोई लिखित आदेश नहीं आया है। ट्रैक्टरों का अगर कामर्शियल उपयोग किया जा रहा है तो गलत है। कार्रवाई के साथ इस पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।

बीके सिंह, एआरटीओ प्रवर्तन