- मीटर की क्षमता से अधिक लोड यूज करने पर गुल हो रही बिजली

- प्रीपेड लगवाने के बाद कंज्यूमर्स के साथ बिजली विभाग भी परेशान

GORAKHPUR:

केस नंबर 1

रुस्तमपुर एरिया की रहने वाली सविता देवी के घर एक माह पहले एक किलोवाट का प्रीपेड मीटर लगा। अप्रैल माह में जैसे ही गर्मी बढ़ी, बार-बार लाइन ट्रिपिंग होने लगी। घर के लोगों ने लोकल इलेक्ट्रिशियन को बुलाकर बिजली सही कराई, लेकिन दूसरे दिन फिर वही समस्या शुरू हो गई। इसको लेकर जब उन लोगों ने जेई से कंप्लेन की, तो पता चला कि एक किलोवॉट का लोड है, लेकिन जैसे ही घर में अधिक लोड की खपत होगी बिजली ऑटोमेटिक ट्रिप कर जाएगी।

केस नं 2

राजेश सिंह राप्तीनगर के रहने वाले हैं। इनके घर होली के समय बिजली विभाग ने प्रीपेड मीटर लगाया। तभी से लोगों की परेशानी शुरू हो गई। शुरुआती दस दिन तक सब तो कुछ सही चला, लेकिन जैसे ही घर में कूलर और पंखे चलने शुरू हुए। घर की बिजली बार-बार ट्रिप होने लगी। इसको सही कराने के लिए उन्होंने एक हजार रुपए लोकल मिस्त्री पर खर्च किया, उसके बाद भी प्रॉब्लम सॉल्व नहीं हो सकी। उन्होंने इसकी कंप्लेन बिजली विभाग से की। जब टीम जांच करने पहुंची तो लोड का मामला सामने आया।

यह दो केस केवल दो उदाहरण भर हैं। शहर में जितने भी प्रीपेड कंज्यूमर्स हैं, वह लगातार परेशान हो रहे हैं। मगर बिजली विभाग अब तक कोई सॉल्युशन देने में नाकाम रहा है। प्रीपेड मीटर लगने के साथ ही कंज्यूमर्स का मुसीबत से नाता शुरू हो जा रहा है। घर में थोड़ी सी भी ओवरलोडिंग कंज्यूमर्स के घरों में अंधेरा कर दे रही है। अगर उन्हें इसकी जानकारी हो जाती तो शायद कंज्यूमर्स को प्रीपेड मीटर लगाने के बाद इतनी परेशानी का सामना करना नहीं पड़ता।

क्यों होती है परेशानी?

प्रीपेड मीटर में एक सिस्टम है। इसमें जितने लोड का मीटर लगा है, वह उतना ही बिजली कंज्यूम करेगा। इससे कम होने पर पब्लिक को लाभ होगा, लेकिन लोड से अधिक खपत होते ही घर की बिजली गुल हो जाएगी। यह दिक्कत शहर के सभी प्रीपेड मीटर कंज्यूमर्स को फेस करनी पड़ रही है। एसडीओ प्रमोद जायसवाल का कहना है कि प्रीपेड मीटर में ऑटोमेटिक कट सिस्टम लगा हुआ है। जितने लोड का कनेक्शन है, उतनी ही लोड की खपत वह कर सकता है। अगर इससे एक भी वॉट अधिक खपत होते ही घर की बिजली गुल हो जाएगी।

अधूरी जानकारी ने किया परेशान

अफसरों की प्रीपेड मीटर की अधूरी जानकारी कहें या उनको जानकारी छुपाने का मामला। जिसके कारण प्रीपेड मीटर जिन भी घरों में लगे हुए हैं, उनके यहां इस तरह की प्रॉब्लम हो रही है। जिन घरों में प्रीपेड मीटर लगाया गया, अगर उन घरों की जांच की गई होती, तो उनके घर बार-बार ट्रिपिंग की प्रॉब्लम नहीं आती।