- सऊदी अरब, दुबई, यूके, नेपाल वाले सिटी के उलेमा से पूछ रहे सवाल

तंजीम उलेमा-ए-अहले सुन्नत की ओर से जारी रमजान हेल्प लाइन नम्बर्स पर देशी ही नहीं, बल्कि विदेशियों को भी मसले का हल मिल रहा है। नई दिल्ली, मुंबई, जम्मू कश्मीर, झारखंड, छत्तीसगढ़, बिहार, राजस्थान, नागपुर, पानीपत के लोग तो रमजान के मसायल पर सवाल पूछे ही जा रहे हैं, वहीं सऊदी अरब के मक्का-मदीना शरीफ, रियाद, दुबई, यूके आदि में रह रहे भारतीय द्वारा भी दीनी मसायल की पूछ हो रही है। नेपाल से भी सवालात आ रहे हैं। सवालात इमो, वाट्सएप, वाट्सएप वीडियो कॉल, मैसेंजर, इंटरनेट कॉल के जरिए पूछे जा रहे हैं। अभी तक देश से सैकड़ों व सऊदी अरब वगैरा से एक दर्जन से अधिक कॉल दीनी मसायल को लेकर आ चुकी है। ज्यादातर सवाल सदका-ए-फिन्न, नमाज, रोजा व जकात आदि के बारे में पूछे गए हैं।

आसपास के लिए शुरू हुई थी हेल्पलाइन

रमजान हेल्प लाइन नम्बर लॉकडाउन में रमजान शुरू होने से चंद दिन पहले आसपास के रहने वाले लोगों को दीनी मसायल बताने के लिए जारी किया गया था। मगर जब लोगों को इसका फायदा मिलने लगा, तो उन्होंने अपने जानने वाले दूर-दराज के लोगों को भी इसके बारे में बताना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे इसका स्वरूप बढ़ते-बढ़ते देश व फिर खाड़ी देशों तक जा पहुंचा। उलेमा-ए-किराम लोगों के सवाल का जवाब कुरआन व हदीस की रोशनी में दे रहे हैं। कभी-कभी हेल्पलाइन पर कुछ राशन वगैरा के जरूरतमंदों का भी फोन आ जा रहा। उनकी फरियाद जरूरतमंदों को राशन पहुंचाने वाली संस्था तक पहुंचा दी जा रही है। 'रमजान हेल्प लाइन नम्बर' पर रोजा, नमाज, जकात, सदका-फित्रा व तरावीह की नमाज आदि के बारे में मुफ्ती खुर्शीद अहमद मिस्बाही (काजी-ए-गोरखपुर), मुफ्ती अख्तर हुसैन मन्नानी (मुफ्ती-ए-शहर), मुफ्ती मो। अजहर शम्सी (नायब काजी), मौलाना मकसूद आलम मिस्बाही, मौलाना मो। जहांगीर अहमद अज़ीज़ी, मौलाना मो। असलम, मौलाना मोहम्मद अहमद, मौलाना अब्दुल खालिक, कारी अफजल बरकाती, हाफिज रहमत अली, कारी शाबान आदि सवालों का जवाब दे रहे हैं।

रिटेन और रिकॉर्डिंग कर दे रहे हैं जवाब

मुफ्ती मो। अजहर शम्सी ने बताया कि रमजान हेल्प लाइन नम्बर से जहां हमारे शहर व देश के लोगों फायदा हासिल कर रहे हैं। वहीं विदेशों में रह रहे इंडियंस भी फायदा उठा रहे हैं। हेल्प लाइन नम्बर प्रिंट मीडिया व सोशल मीडिया के जरिए दूर तक पहुंच चुका है। जिस वजह से हमारे मुल्क के लोग और दुनिया में बहुत से मुल्कों में रह रहे इंडियंस फायदा हासिल कर रहे हैं। मेरे पास सऊदी अरब, दुबई, यूके, नेपाल आदि जगहों से फेसबुक, इमो, मैसेंजर, वॉट्सएप के जरिए सवाल आए हैं। हमारे मुल्क के कई सूबों नई दिल्ली, मुंबई, जम्मू कश्मीर, झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ और राजस्थान वगैरा से भी सवाल आ रहे हैं। जहां से जो भी सवाल आते हैं उसका फौरन जवाब देने की कोशिश की जाती है। कुछ सवालों का जवाब लिखित तौर पर दिया जाता है और कुछ का जवाब वाइस रिकार्डिंग करके भी दिया जाता है। अक्सर सवालों का जवाब फोन कॉल पर ही दे दिया जाता है। मुफ्ती अख्तर हुसैन, मुफ्ती खुर्शीद अहमद, मौलाना मोहम्मद अहमद ने बताया कि देश के विभिन्न प्रदेशों व सऊदी अरब में रहे भारतीयों के सवाल आ रहे हैं। जिनका जवाब दिया जा रहा है।