गोरखपुर (ब्यूरो)। पुलिस को दी गई तहरीर में कहा गया है कि मनीष भंडारी की कंपनी मेसर्स पुष्पा सेल्स मेडिकल कालेज में ऑक्सीजन की सप्लाई करती थी। शर्तों के मुताबिक निर्धारित अवधि में लिक्विड ऑक्सीजन गैस पाइपलाइन और टैंक स्थापित नहीं किया गया। इस लापरवाही की वजह से नवंबर 2013 से लेकर 17 दिसंबर 2014 तक बेहद ही धीमी गति से ऑक्सीजन की सप्लाई हुई। इसके कारण इंसेफेलाइटिस और एक्यूट सिंड्रोम से पीडि़त 334 बच्चों की मौत वार्ड में हो गई।

शासन के निर्देश पर प्रिंसिपल ने दी तहरीर

उत्तर प्रदेश सरकार और सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग के ओर से 17 जनवरी 2022 के पत्र के अनुपालन में बीआरडी मेडिकल कॉलेज के पिं्रंसिपल डॉ। गणेश कुमार ने गुलरिहा पुलिस को तहरीर दी। प्रिंसिपल ने गुलरिहा पुलिस को बताया, लखनऊ के आशियाना कालोनी निवासी पुष्पा सेल्स के ऑनर मनीष भंडारी ही बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदार हैं। जांच में इसकी पुष्टि हो चुकी है।

ऑक्सीजन कांड में जेल जा चुका है मनीष भंडारी

वर्ष 2017 में ऑक्सीजन की कमी की वजह से 60 से अधिक बच्चों की मौत हो गई। सभी को उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज में एडमिट कराया गया था। हालांकि सरकार ने ऑक्सीजन की कमी से मौत होने से इंकार किया। तब रिपोर्ट में बताया गया कि वहां जंबो सिलेंडर मौजूद थे। इस मामले में तत्कालीन प्रिंसिपल डॉ। राजीव मिश्रा, उनकी पत्नी डॉ। पूर्णिमा शुक्ला, पुष्पा सेल्स के ऑनर मनीष भंडारी, बाल रोग विभाग के डॉक्टर कफील खान, डॉ। सतीश कुमार, संजय त्रिपाठी, सुधीर कुमार पांडेय, फार्मासिस्ट गजानन जायसवाल, उदय प्रताप शर्मा सहित 10 लोगों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या, गबन सहित अन्य धाराओं में जेल जाना पड़ा। बाद में आरोपितों को जमानत मिल गई। इस प्रकरण के बाद राजनीति माहौल भी गर्म हुआ। प्रकरण में दोषी पाए जाने पर शासन ने डॉक्टर कफील खान को सस्पेंड कर दिया। नया मामला सामने आने से एक बार फिर से ऑक्सीजन कांड की यादें ताजा हो गई हैं।

वर्जन

तहरीर के आधार पर केस दर्ज करके मामले की जांच की जा रही है। सबूतों के आधार पर आगे की कार्रवाई की होगी।

अमित दुबे, एसएचओ, गुलरिहा