गोरखपुर (ब्यूरो)। विशेषज्ञ कोरोना की संभावित तीसरी लहर जनवरी और फरवरी के बीच में आने की बात कह रहे हैं। इसे लेकर डिपार्टमेंट ने अपनी तैयारियां भी शुरू कर दी है।
कोविड बेडों की संख्या बढ़ाई जा रही है। अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट भी लगा दिए गए हैं। सीएमओ बताया कि कोरोना संक्रमण को रोकने में सबकी सहभागिता जरूरी है। यही
वजह है कि प्राइवेट हॉस्पिटल को निर्देश दिए गए हैं कि वह किसी भी पेशेंट की छोटी या बड़ी सर्जरी करते हैं तो उनका कोरोना टेस्ट जरूर कराएं। कोरोना टेस्ट से सही समय पर
संक्रमण का पता चल जाएगा।
जांच से मिला पेशेंट
बताया कि सरकारी अस्पतालों में कोरोना टेस्ट की जा रही है। बीआरडी में किसी भी ऑपरेशन से पहले कोरोना टेस्ट कराई जा रही है। इसी जांच का नतीजा है कि शनिवार को
एसिम्प्टोमेटिक पेशेंट का पता बीआरडी को लगा है। अपील की है कि एंटीजन के साथ-साथ आरटीपीसीआर टेस्ट जरूरी है। क्योंकि कई बार एंटीजन टेस्ट से एसिमटोमेटिक पेशेंट्स का
पता नहीं चल पाता है। ऐसी स्थिति में आरटीपीसीआर टेस्ट में संक्रमण की जानकारी मिल जाती है।
ट्रैवेल हिस्ट्री के आधार टेस्ट जरूरी
सीएमओ ने अपील की है कि लक्षणों और उसके ट्रैवल हिस्ट्री के आधार पर कोविड टेस्ट जरूरी है। मुंबई, राजस्थान, गुजरात समेत विदेशों से आने वाले सभी लोगों की कोविड टेस्ट
जरूर कराएं। ऐसे लोगों पर निगरानी समितियां नजर रखें। अगर बुखार सहित अन्य कोई कोविड के लक्षण दिख रहे हैं तो तत्काल इसकी सूचना विभाग को दें। विभाग ऐसे लोगों की
जांच कराते हुए उन्हें होम आईसोलेशन की सलाह देगा।
प्राइवेट हॉस्पिटल को निर्देश दिया गया है कि छोटी या बड़ी सर्जरी कराने से पहले मरीजों की कोविड जांच जरूर कराएं। इससे सही समय पर संक्रमण का पता चल जाएगा। साथ ही
अलक्षणिक मरीजों की सही समय पर जानकारी हो सकेगी।
- डॉ। आशुतोष कुमार दूबे, सीएमओ