गोरखपुर (ब्यूरो).इस बीमारी में पेशेंट के अंग धीरे-धीरे काम करना बंद कर देते हैं। पेशेंट को प्लाज्मा एफरेसिस नेफ्रोलॉजी के विशेषज्ञ डॉ। विजय कुमार सिंह की निगरानी में किया गया। इसके लिए पहली बार प्लाज्मा फिल्टर का प्रयोग हुआ। यह प्लाज्मा एफरेसिस डायलिसिस यूनिट में किया गया। इसमें पेशेंट के शरीर से प्लाज्मा निकाला गया। उसमें बन रही अतिरिक्त एंटीबॉडी को अलग कर नया प्लाज्मा पेशेंट के शरीर में प्रत्यारोपित कर दिया गया। प्लाज्मा एक्सचेंज के कारण ऑटोइम्यून बीमारी पर नियंत्रण लगा है।

मेडिसिन में भर्ती है पेशेंट

उन्होंने ने बताया कि पेशेंट मेडिसिन में भर्ती है। उसे पांच से सात बार प्लाच्मा एफरेसिस किया जाएगा। फौरी तौर पर उसका रिस्पांस अच्छा है। खास बात यह है की यह सुविधा गोरखपुर में पहली बार शुरू हुई है.44 प्रकार की बीमारियों का फ्री इलाज

जिले की 38 आरबीएसके टीम आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूल और प्रसव केंद्र से बीमार बच्चों को चिन्हित करती हैं और उनकी 44 प्रकार की बीमारियों की फ्री जांच व इलाज करवाती हैं। इन बीमारियों में कटे होठ व तालु, न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट, क्लब फुट सर्जरी, अति गंभीर कुपोषण, दिल के छेद की सर्जरी जैसी बीमारियां प्रमुख हैं। बीमार बच्चों के अभिभावक आरबीएसके टीम से संपर्क कर उनके जीवन की दिशा बदल सकते हैं।

डॉ आशुतोष कुमार दुबे, सीएमओ गोरखपुर