2005 में खरीदी गई थी क्रेन

रोड एक्सीडेंट में व्हीकल उठाने और पब्लिक की हेल्प के लिए ट्रैफिक निदेशालय ने गोरखपुर पुलिस को सौगात के रूप में 2005 में क्रेन दी थी। इसकी कीमत 18 लाख रूपए थी। हाईवे और आस-पास के एरिया में हादसे में रोड से नीचे गिरने वाली व्हीकल को निकालने में पुलिस काफी मददगार होती है। कई बार पब्लिक की प्रॉब्लम सॉल्व करने में भी क्रेन की मददगार साबित होती थी, लेकिन पुलिस की क्रेन पिछले कई महीनों से खराब पड़ी है और अब पुलिस लाइन की शोभा बढ़ रही है। खराबी के चलते वह भार नहीं उठा सकती है। अब एक्सीडेंट के बाद व्हीकल ऑनर को ही अपनी जेब ढीली करनी पड़ती है और प्राइवेट क्रेन का खर्च वहन करना पड़ता है।

इस्टीमेट का इंतजार

क्रेन को लोकल लेवल पर ठीक कराने के लिए पुलिस की एम.टी सेक्शन ने हाथ खड़े कर दिए। एम.टी (मोटर टेक्निकल) सेक्शन ने 6 महीने पहले उसे ठीक कराने की पहल की थी। एम.टी सेक्शन क्रेन की कंपनी से संपर्क किया था। कंपनी के बनारस स्थित वर्कशाप से टेक्निकल एक्सपर्ट सर्वे करने आए थे। उन्होंने क्रेन को ठीक कराने का इस्टीमेट देने की बात कहीं थी, लेकिन कई पाटर््स मार्केट में नहींहोने के चलते कंपनी इस्टीमेट तक नहीं दे पा रही है।

क्रेन को ठीक कराने के लिए कंपनी के टेक्निकल एक्सपर्ट से संपर्क किया गया है। इस्टीमेट के बाद बजट के लिए रिपोर्ट भेजी जाएगी.

-मुंशी लाल शर्मा, उपनिरीक्षक परिवहन पुलिस