गगहा एरिया में अधिवक्ता की गोली मारकर हुई थी हत्या

सीनियर अफसरों ने परिजनों को दिया आश्वासन, तनाव बरकरार

GAGAHA: गगहा एरिया के शिवपुर में एडवोकेट राजेश्वर पांडेय की गोली मारकर हत्या करने का मुख्य आरोपित पुलिस की पकड़ से दूर है। सोमवार को विभिन्न जगहों पर उसकी तलाश चलती रही। रविवार की रात पोस्टमार्टम के बाद अधिवक्ता की डेड बॉडी उनके घर पहुंची। सोमवार को परिजनों ने डेड बॉडी का अंतिम संस्कार कराने से इंकार कर दिया। विभिन्न मांगों को लेकर घर पर धरने पर बैठ गए। सीनियर पुलिस अधिकारियों ने उनको समझाबुझाकर शांत कराया। पुलिस की कड़ी सुरक्षा में अधिवक्ता का अंतिम संस्कार बड़हलगंज के मुक्तिपथ कराया गया। उधर मर्डर से आक्रोशित अधिवक्ताओं ने कामकाज ठप करके विरोध जताया। कांग्रेस की जिलाध्यक्ष निर्मला पासवान भी पीडि़त परिवार से मिलने पहुंचीं।

पट्टीदारों से विवाद पर गोली मारकर ली जान

रविवार की सुबह शिवपुर निवासी अधिवक्ता राजेश्वर पांडेय की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घास छीलने को लेकर हुए विवाद में पट्टीदारी के लोगों से विवाद हुआ। इस दौरान अधिवक्ता के पीठ में मनबढ़ों ने तमंचा सटाकर गोली दाग दी। इस मामले में पुलिस ने पांच के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके दो को अरेस्ट कर लिया। तीन अन्य की तलाश चल रही है। मुख्य आरोपित अधिवक्ता के पट्टीदारी के भतीजे की तलाश में पुलिस टीम लगी है। रविवार की रात में राजेश्वर पांडेय का पोस्टमार्टम कराकर डेड बॉडी उनके परिजनों को सौंप दी गई। देर रात डेड बॉडी घर पहुंची तो कोहराम मच गया।

धरना देने पर हांफी पुलिस, मदद का आश्वासन

सोमवार की सुबह परिजनों ने डेड बॉडी का अंतिम संस्कार कराने से मना कर दिया। लोगों ने कहा कि सभी आरोपियों की गिरफ्तारी, पीडि़त परिवार को 50 लाख रुपए का मुआवजा, फैमिली मेंबर्स की सुरक्षा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। अपनी मांगों का लेकर परिजन और उनके सहयोग में लोग धरने पर बैठ गए। करीब साढ़े 10 बजे एसडीएम गोला राजेंद्र बहादुर और सीओ खजनी योगेंद्र कृष्ण नारायण पहुंचे। पीडि़त परिवार की मांग को सीनियर अधिकारियों के जरिए शासन तक पहुंचाने की आश्वासन देकर धरना खत्म कराया। इसके बाद डेड बॉडी का अंतिम संस्कार हो सका। उधर पीडि़त परिवार से नेताओं के मिलने का सिलसिला भी जारी रहा। कांग्रेस की जिलाध्यक्ष निर्मला पासवान ने परिवार के सदस्यों से मुलाकात की। घटना की निंदा करते हुए कहा कि अधिवक्ता की बेटियों की शादी और पढ़ाई में कोई अड़चन न आए। इसलिए सुरक्षा के साथ-साथ आर्थिक सहायता भी मुहैया कराई जानी चाहिए।

नामजदगी छिपा रही पुलिस

गगहा में अधिवक्ता के मर्डर में नामजद किए गए आरोपियों का नाम छिपाने की कोशिश में पुलिस जुटी रही। रविवार को घटना के कुछ घंटे के बाद ही एसएसपी ने दो लोगों की गिरफ्तारी की पुष्टि कर दी। लेकिन 24 घंटे के बाद भी गगहा थाना प्रभारी सहित अन्य अधिकारी गिरफ्तार किए गए लोगों के बारे में जानकारी देने से कतराते रहे। इस मामले में किसी तहरीर पर केस दर्ज किया गया है। यह जानकारी देने के साथ-साथ अन्य सूचनाओं को साझा करने से बचने का प्रयास पुलिस कर रही है।

बेटियों ने उठाई पिता की अथीज्, भर आईं सबकी आंखें

अर्थी को बेटियों ने कंधा दिया। सोमवार को तीन बेटियों और एक बेटे ने पिता की अर्थी उठाई तो लोगों का कलेजा फट पड़ा। वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गईं। लोगों का कहना है कि गोली लगने के बाद भी राजेश्वर पांडेय अस्पताल तक बच्चों को इस बात की दिलासा देते रहे कि उनको कुछ नहीं होगा। लेकिन होनी को यह मंजूर नहीं था। बड़हलगंज मुक्तिपथ पर बेटे आदित्य ने अपने पिता की चिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान कई घंटे तक पुलिस प्रशासन के अफसर किसी अप्रिय वारदात के होने के डर से सहमे रहे। वह लगातार परिजनों को समझा रहे थे और पांचों आरोपितों को उनके अंजाम तक पहुंचाने का दिलासा उन्हें दे रहे थे।