गोरखपुर (ब्यूरो)। छात्र कमलकांत राव ने बताया कि सात जनवरी 2022 को 45 नंबर की बजाय 65 नंबर का पेपर प्री-पीएचडी पेपर कराया गया, जिससे शोधार्थियों ने पेपर का बहिष्कार किया इस दौरान कुछ अराजक तत्व के द्वारा कापी फाड़ी गई थी। मामले में यूनिवर्सिटी प्रशासन ने 17 शोधार्थियों और अन्य पर एफआईआर दर्ज कराई थी। इसके बाद छात्र कमलकांत राव, कृतिका सिंह, राधा विश्वकर्मा, सुधीर मद्धेशिया और राम भरोसा तिवारी ने हाईकार्ट रिट दाखिल किया था। बुधवार को हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई की और अगले सुनवाई तक एफआईआर पर रोक लगाई है। बताया कि यूनिवर्सिटी से 150 कॉपी का बेवरा भी मांगा है।
यह है मामला
गोरखपुर यूनिवर्सिटी में सात जनवरी को प्री-पीएचडी 2018-19 बैच का एग्जाम कराया गया इस दौरान आरोप है कि 45 नंबर की बजाय 65 नंबर का पेपर कराया गया, जिससे शोधार्थियों ने पेपर का बहिष्कार किया तो कुछ ने कापी फाड़ी। यह स्टूडेंट्स ने एग्जाम के पहले दिन जमकर हंगामा किया। केंद्राध्यक्ष प्रो। एसके सिंह की रिपोर्ट पर एग्जाम में व्यवधान उत्पन्न करने और उत्तर पुस्तिका फाडऩे वाले स्टूडेंट्स को यूनिवर्सिटी से निष्कासित करने, प्रवेश पर प्रतिबंध तथा छात्रावास की सुविधा से भी वंचित करने का निर्णय लिया गया। मामले में निवर्तमान छात्रसंघ अध्यक्ष अमन यादव सहित चिन्हित किए गए 17 स्टूडेंट के साथ अन्य के खिलाफ रात में कैंट थाने में एफआईआर कराया गया।