गोरखपुर (ब्यूरो).सप्ताह में छह दिन चलने वाली वंदे भारत गोरखपुर से दोपहर तीन बजे रवाना होगी और शाम 7.20 बजे लखनऊ पहुंचेगी। इसके बाद लखनऊ से प्रस्थान कर रात 10.50 बजे प्रयागराज पहुंचेगी। वहीं प्रयागराज से यह ट्रेन सुबह 6.20 बजे प्रस्थान करेगी और सुबह 9.50 बजे लखनऊ पहुंचेगी। यहां से प्रस्थान करने के बाद दोपहर 2.20 बजे वंदे भारत गोरखपुर पहुंचेगी। अगर अगले सप्ताह तक बोर्ड से मंजूरी मिल गई तो संभावना जताई जा रही है रेक मिलते ही वंदे भारत चला दी जाएगी। बहरहाल बोर्ड से निर्देश मिलने के बाद दोनों रेलवे के अफसर वंदे भारत को लेकर काफी उत्साहित हैं।

भारत की पहली इंजन रहित ट्रेन

रेलवे से मिली जानकारी के मुताबिक, वंदे भारत एक्सप्रेस भारत की पहली इंजन रहित ट्रेन है। अब तक, भारत की ट्रेनों में एक अलग इंजन कोच होता है जबकि ट्रेन 18 में बुलेट या मेट्रो ट्रेन जैसे एकीकृत इंजन हैं। इसके कारण यात्रा का समय कम हो जाता है, क्योंकि नई तकनीक के कारण तेज गतिवृद्धि आसानी से हो सकेगा।

पूरी तरह से ऑटोमेटिक दरवाजे और एसी कोच

ट्रेन में 16 पूरी तरह से एसी चेयर कार के कोच हैं। जिनमें दो बैठने के विकल्प दिए गए हैं। इकॉनमी और एग्जीक्यूटिव क्लास। इसकी खास बात यह है कि एग्जीक्यूटिव क्लास में रिवॉल्विंग चेयर दी गई है जो 180 डिग्री तक मुड़ सकती है। वंदे भारत एक्सप्रेस में प्रदान की जाने वाली सबसे महत्वपूर्ण सुविधाओं में से एक यह है कि इसके दरवाजे मेट्रो की भांति ही ऑटोमेटिक खुलते हैं। वंदे भारत एक्सप्रेस उपयोगकर्ताओं के लिए इंटरनेट की सेवाओं का उपयोग करने के लिए ऑनबोर्ड वाई-फाई की सुविधा प्रदान कर रही है। इसके अलावा, मोबाइल फोन या टैबलेट पर कुछ पडऩे के लिए इंटरनेट का उपयोग कर पाएंगे।

ट्रेन में स्मार्ट सिक्यूरिटी

ट्रेन के सभी 16 डिब्बों में यात्रियों की पूरी सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। ट्रेन के ऑटोमेटिक दरवाजे केवल तभी खुलेंगे जब ट्रेन पूरी तरह से रुक जाएगी। ट्रेन तभी चलना शुरू करती है जब दरवाजे पूरी तरह से बंद हो जाते हैं।

क्या है खासियत

- ट्रेन को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यात्री ड्राइवर के केबिन की झलक देख सकें।

- सामान को रखने के लिए प्रत्येक कोच में मॉड्यूलर रैक दिए गए हैं और गातिमान एक्सप्रेस जैसी अन्य ट्रेनों की तुलना में अधिक विशाल भी हैं।

- ट्रेन के पैंट्री में भोजन और पेय पदार्थो को गर्म करने और ठंडा करने के लिए बेहतर गुणवत्ता के उपकरण भी दिए गए हैं।

- मोबाइल या लैपटॉप को आसानी से चार्ज करने के लिए कोच की हर सीट पर सॉकेट उपलब्ध कराए गए हैं।

- यहां तक कि, डिब्बों के बीच के गैप को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। यह बाहरी शोर को कम करने में मदद करेगा।