गोरखपुर (ब्यूरो).सड़क पर नियमों को अनदेखा करने पर आम इंसान के साथ ही पुलिस वालों को पब्लिक नहीं बख्श रही है। बिना हेलमेट, गलत तरीके से नंबर प्लेट, बिना नंबर प्लेट, तीन सवारी, रांग साइड चलने वाले पुलिस वालों की फोटो भी ट्रैफिक पुलिस के पास पहुंच रही है। जिसपर ट्रैफिक पुलिस तत्काल कार्रवाई कर रही है।

बढ़ गई चालान की संख्या

ट्रैफिक पुलिस हर मंथ 25 से 28000 गाडिय़ों के चालान करती है। अगस्त मंथ अभी खत्म भी नहीं हुआ है और इस माह ट्रैफिक पुलिस ने अब तक 32000 चालान काटे हैं। इस तरह कुल शमन शुल्क 1.5 करोड़ रुपए अगस्त मंथ में गाडिय़ों का चालान कर प्राप्त किए हैं। इसमें भी काफी चालान पब्लिक के सहयोग से काटे गए हैं।

केस 1

बुलेट पर दांय-दांय पड़ गया भारी

रविवार को रात में एक बुलेट गोरखनाथ रोड पर जा रही थी, उसपर तीन सवारी थे, जिसमे एक लड़की भी शामिल थी। गोरखनाथ रोड पर बुलेट सवार रूक-रूक कर फायर शॉट मार रहा था। जिसका कुछ राहगीरों ने विडियो बनाकर ट्विटर पर शेयर कर दिया। बुलेट पर दांय-दांय करने वाले को भी नहीं पता चला और यहां पर ट्रैफिक पुलिस ने विडियो देख 16500 का चालान काट दिया।

केस 2

बिना हेलमेट वायरल हो गई पुलिस की फोटो

इसी तरह अभी सप्ताह भर पहले काली मंदिर से गोलघर जाने वाली रोड पर रेड सिग्नल में एक पुलिस का जवान बाइक लेकर फंसा हुआ था। जिसने हेलमेट नहीं लगाया था। किसी ने उसकी फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। जिसे देखकर तत्काल ट्रैफिक पुलिस ने 1000 रुपए का चालान काट दिया।

केस 3

हाइवे पर स्टंटबाजी ने पड़ गई भारी

इसी तरह हाइवे पर एक बाइक पर करीब 6 युवक बैठकर स्टंटबाजी कर रहे थे। तभी किसी ने उनकी तस्वीर खींच कर टिवटर पर डाल दी। ट्रैफिक पुलिन तुंरत एक्शन लेते हुए उस वाहन स्वामी का 16500 चालान काट दिया।

केस 4

सड़क पर खड़ी की गाड़ी कटा चालान

इसी तरह गोलघर के पास की सड़क पर ही एक फोर व्हीलर गाड़ी किसी ने खड़ी कर दी। इससे आने जाने वाले लोगों को परेशान होना पड़ रहा था। उस गाड़ी की फोटो खींचकर पब्लिक ने सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। जिसके बाद एक हजार रुपए का चालान ट्रैफिक पुलिस द्वारा किया गया।

सोशल मीडिया पर पब्लिक द्वारा जो भी फोटो शेयर की जाती है। उसकी जांच कर नियम के तोडऩे वाले का चालान काटा जाता है। अब तो बहुत लोग मोबाइल नंबर पर भी सड़क पर नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले लोगों की फोटो भेजते हैं। जिनके चालान काटे जाते हैं।

- डॉ। एमपी सिंह, एसपी ट्रैफिक