गोरखपुर (ब्यूरो)।अधीक्षण अभियंताओं से पूछा कि फॉल्ट होने पर उसे सही करने में कितना समय लगता है? अधीक्षण अभियंता शहरी यूसी वर्मा ने बताया कि ट्रांसफॉर्मर, बिजली के खंभे वाली लाइन या ट्रिपिंग जैसी शिकायतों पर तीन से चार घंटे में उसे अटेंड कर सही करवाया जाता है। लेकिन, अंडरग्राउंड केबल के फॉल्ट में दिक्कत आती है। उसे खोजने और वापस ज्वाइंट किट के सहारे सही करने में 8 से 10 घंटे से अधिक समय लग जाता।

छह दिनों तक न हो खोदाई

अपर मुख्य सचिव ने तत्काल पास में बैठे डीएम और कमिश्नर से खोदाई के संबंध में जानकारी। इसी बीच अभियंताओं ने बताया कि आए दिन जल निगम की तरफ से खोदाई का काम किया जा रहा। बिना सूचना के ही खोदाई करने से अंडरग्राउंड केबल कट जा रहा। गुरुवार की रात में भी ऐसे ही सूरजकुंड में अंडरग्राउंड केबल कट गया था। फाल्ट खोजने और इसे सही करवाने में 16 घंटे से अधिक का समय लग गया। अपर मुख्य सचिव ने पास बैठे डीएम और कमिश्नर से आने वाले पांच से छह दिनों तक गर्मी में किसी तरह की खोदाई काम न हो, इसकी व्यवस्था बनाने को निर्देशित किया।

सामंजस्य बनाने की जिम्मेदारी कमिश्नर व डीएम की

कहा, अगर जरूत पड़े तो बिजली निगम के जिम्मेदारों को सूचना देकर उनके साथ मौके पर खड़े रहने और विस्तृत जानकारी लेकर ही खोदाई करवाई जाए। विभागों के बीच सामंजस्य बनाने की जिम्मेदारी डीएम और कमिश्नर को ही सौंपी। समीक्षा कैठक के बाद अपर मुख्य सचिव ने मोहद्दीपुर स्थित बिजली ऑफिस का निरीक्षण किया। आग में लंच कर वह लखनऊ लौट गए। समीक्षा बैठक में चीफ इंजीनियर आशु कालिया सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।