- ट्रेंस के कोच में गंदगी की भरमार, यात्री परेशान

- जंक्शन पर रुकी ट्रेन के शौचालय की होती है सफाई

GORAKHPUR: ट्रेंस की लेट-लतीफी से हैरान-परेशान पैसेंजर्स को कोच के भीतर साफ-सफाई की बदइंतजामी भी झेलनी पड़ रही है। गोरखपुर जंक्शन से होकर गुजरने वाली रेलगाडि़यों में साफ-सफाई के इंतजाम को लेकर यात्री नाखुश नजर आ रहे हैं। ट्रेन के भीतर सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी ठेकेदारों को सौंप दी गई है। सफाई की निगरानी के लिए सुपरवाइजर भी तैनात हैं। लेकिन इसके बावजूद ट्रेंस के भीतर गंदगी की भरमार यात्रियों को तकलीफ पहुंचा रही है। सोमवार को गोरखपुर जंक्शन पर पहुंचीं दो ट्रेंस में साफ-सफाई का कोरम नजर आया। सीपीआरओ का कहना है कि गोरखपुर जंक्शन क्लीन ट्रेन स्टेशन में नामित है। 15 मिनट से अधिक के स्टॉपेज वाली ट्रेंस की सफाई का पूरा इंतजाम है।

सीन एक

प्लेटफॉर्म नंबर 3-4

समय: दोपहर करीब 1 बजकर पांच मिनट

बापूधाम सुपर फॉस्ट एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म नंबर चार पर आकर खड़ी हुई थी। ट्रेन के भीतर सफाई की व्यवस्था का हाल देखने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम पहुंची। एसी थर्ड कोच के कुछ यात्री गोरखपुर आकर उतर गए थे। जो पहले से मौजूद थे उनमें कुछ खाना खा रहे थे। कुछ लोग मोबाइल पर गेम खेलने और मूवी देखने में मशगूल नजर आए। कोच के भीतर पहुंचकर जब टीम ने सफाई का हाल देखा तो सामने आया कि जंक्शन में खड़ी ट्रेन के कोच में किसी ने सफाई नहीं की थी। सफाई कर्मचारी जेट क्लीनिंग मशीन से सफाई कर रहे थे। पैसेंजर्स से पूछने पर मालूम हुआ कि वाराणसी से लेकर गोरखपुर के बीच में एक बार भी साफ-सफाई नहीं हुई थी। एसी कोच से निकलकर टीम सेकेंड क्लास स्लीपर कोच में पहुंची। कोच में मौजूद यात्रियों ने बताया कि एक कोई व्यक्ति झाड़ू लेकर चढ़ा था जो सबसे पैसे मांग रहा था। हो सकता है कि वह कोई प्राइवेट व्यक्ति रहा हो।

कोट्स

हम लोग वाराणसी से सफर कर रहे हैं। गोरखपुर ट्रेन पहुंचने पर टॉयलेट में सफाई की गई है। लेकिन कोच में क्लीनिंग के लिए कोई नहीं आया था। साफ-सफाई के उम्दा इंतजाम के दावे किए जाते हैं लेकिन कोई झांकने नहीं आया है। ऐसे कैसे मान लिया जाए कि सफाई की व्यवस्था दुरुस्त चल रही है।

- योगेश तिवारी, पैसेंजर

मैं मऊ से नरकटियागंज जा रहा हूं। यहां ट्रेन रुकी है तो एक आदमी मशीन लेकर भीतर आया था। कोच के भीतर कोई कर्मचारी नहीं आया था जो सफाई करता हो इसलिए गंदगी नजर आ रही है।

- परशुराम मौर्य, पैसेंजर

सीन दो

प्लेटफॉर्म नंबर 3-4

समय: करीब एक बजकर 50 मिनट

लखनऊ से चलकर पाटलीपुत्र जंक्शन, पटना तक जाने वाली ट्रेन एक बजकर 50 मिनट पर प्लेटफॉर्म पर प्लेस हुई। ट्रेन के एसी कोच में पहुंचने पर मालूम हुआ कि इसमें सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है। गोरखपुर से चढ़ने वाले पैसेंजर्स इस बात की बाट जोह रहे थे कि कोई आकर सफाई करे तो वह सीट पर बैठें। यात्रियों ने बताया कि ट्रेन के टॉयलेट को भी साफ नहीं किया गया है। यात्रियों ने यह उम्मीद भी जताई कि शायद ट्रेन के ज्यादा समय तक ठहरने पर सफाई की व्यवस्था की जाएगी। लेकिन 10 मिनट तक कोई ऐसा नहीं जो कोच में फैला हुआ कचरा उठाकर ले जाए। यात्रियों ने कहा कि लगातार साफ-सफाई न होने से बीच में सफर करने वाले यात्री काफी दिक्कत उठाते हैं।

कोटस

मुझे पटना की यात्रा करनी है। गोरखपुर से मेरा टिकट बना है। मैं ट्रेन रुकने के बाद सवार हो गया था। पहले से कूड़ा-करकट फैला हुआ है। कोई सफाई करने नहीं आया। आप खुद ही देख लीजिए। आखिर हम किससे शिकायत करने जाएंगे।

- रोहित तिवारी, पैसेंजर

लखनऊ से चला आ रहा हूं। बीच में किसी जगह पर एक आदमी आया था। जो सीट के ऊपर पड़े चिप्स के रैपर बटोरकर चला गया। कोच में पोछा लगाने वाला तो कहीं नजर नहीं आया। शायद पटना पहुंचने के पहले वह मिले।

- आमिर, पैसेंजर

ट्रेन की यात्रा के दौरान साफ-सफाई काफी मायने रखती है। इसलिए लोग एसी कोच में सफर करते हैं। लेकिन धीरे-धीरे यहां भी यहीं हालत खराब होती जा रही है।

- अमिता शाह, पैसेंजर

हम लोग टीवी पर देखते हैं कि ट्रेन में व्यवस्था दुरुस्त कर दी गई है। लेकिन सीट के नीचे पड़ी गंदगी बता रही है कि सब कुछ भगवान भरोसे चल रहा है। सरकार को चाहिए कि ट्रेन में साफ-सफाई की व्यवस्था दुरुस्त कराए।

- शिवांगी, पैसेंजर

ट्रेन में सफाई के मानक

- कोच में प्रॉपर साफ-सफाई होनी चाहिए।

- टॉयलेट और वॉश बेसिन साफ-सुथरा होना चाहिए।

- सीटों पर गंदगी, धूल मिट्टी या कोई कचरा नहीं होना चाहिए।

ट्रेन में सफाई की यह है व्यवस्था

- ट्रेन के एसी कोच के शीशों की सफाई की जानी चाहिए।

- टॉयलेट को जेट क्लीनिंग मशीन से साफ करने की व्यवस्था।

- सिंक की सफाई, गैलरी की सफाई, डस्टबीन को खाली करना।

- ऑन बोर्ड हाउस कीपिंग में पैसेंजर के फीड बैक फॉर्म भरने का इंतजाम।

- सफाई न होने पर एसएमएस से 58888 पर मैसेज भेजने की सुविधा।

वर्जन

ट्रेंस में सफाई का ठेका प्राइवेट फर्म को दिया गया है। यह जंक्शन क्लीन ट्रेन स्टेशन नामित है। यहां पर 15 मिनट से अधिक ठहरने वाली हर गाड़ी में प्रॉपर साफ-सफाई कराई जाती है। सभी टॉयलेट की जेट क्लीनिंग, कोच के शीशों की सफाई, कचरा निस्तारण, डस्टबीन खाली कराने सहित कई इंतजाम किए गए हैं। सफाई की निगरानी के लिए सुपरवाइजर नियुकत हैं। अगर इसमें कोई लापरवाही होती है कि पैसेंजर इसकी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी। यात्री सुविधाएं हमारे लिए सर्वोपरि हैं।

- संजय यादव, सीपीआरओ