गोरखपुर (सैयद सायम रऊफ)।बिहार और उत्तराखंड के जरिए नेपाल से कनेक्टिविटी होगी। इस बार रेलवे मिनिस्ट्री ने जहां एनई रेलवे को 6900 करोड़ देकर अपनी बाहें खोली हैं। वहीं, अब इंटरनेशनल रेलवे कनेक्टिविटी के लिए भी एनईआर के कदम को आगे बढ़ाया है। अब तक एयर और रोडवेज से कनेक्ट नेपाल रेल रूट से भी कनेक्ट हो जाएगा। इसमें ज्यादातर रूट्स के लिए फाइनल सर्वे होना है, जिसके लिए रेलवे मिनिस्ट्री ने बजट जारी किया है। नई रेल लाइन दोनों देशों के बीच जहां रिश्ते मजबूत होंगे। वहीं ट्रेनों के साथ मालगाडिय़ां भी सीधे नेपाल से इंडिया आ सकेंगी और इससे अर्थव्यवस्था भी बेहतर होने में मदद मिलेगी।

भैरवां तक फाइनल सर्वे

गोरखपुर की बात की जाए तो यहां से सबसे करीब नौतनवां पड़ता है। यहां से कनेक्टिविटी के फाइनल सर्वे के लिए रेलवे मिनिस्ट्री ने स्थान के आखिरी सर्वे के लिए 8 लाख 42 हजार रुपए जारी किए हैं। यह फाइनल सर्वे होगा और इसकी लंबाई करीब 15 किमी है। भैरवां के साथ ही बढऩी से काठमांडू तक 359 किमी टोह इंजीनियरिंग के लिए 37 लाख रुपए का बजट जारी किया गया है। इससे गोरखपुर और आसपास से लोगों को रेल रूट की भी सौगात मिल जाएगी, जिससे कि नेपाल आने-जाने वालों को ट्रासंपोर्ट का एक और मीडियम मिल जाएगा।

बहराइच से भी जुड़ेगा नेपाल

एक तरफ जहां गोरखपुर से नेपाल को एयर कनेक्टिविटी देने की लिए कोशिशें जारी है। वहीं रेल कनेक्टिविटी के लिए कोशिशें तेजी से जारी हैं। बहराइच के पास नानपारा से भी नेपाल सीमा तक रेलवे की कनेक्टिविटी के लिए इस बार बजट में प्रावधान किया गया है। तो वहीं नौतनवां से भी नेपाल को जोडऩे के लिए फंड मिला है। यूपी के सिद्धार्थनगर से भी रेलवे की नेपाल से कनेक्टिविटी हो जाएगी, इसके लिए भी बजट में फंड दिया गया है। यूपी के अलावा बिहार के वाल्मिकी नगर और उत्तराखंड के टनकपुर से भी नेपाल को रेल रूट से जोडऩे के लिए फंड दिया गया है।

कहां-कहां से कनेक्टिविटी

नौतनवां - महराजगंज (इंडो-नेपाल बॉर्डर से 7 किमी.)

नानपारा - बहराइच यूपी (यहां से नेपाल की सीमा 20 किमी। पर है)

टनकपुर - उत्तराखंड (नेपाल की सीमा पर बसा हुआ है)

वाल्मिकी नगर - बिहार (भैसालोटन मार्केट से नेपाल और बिहार को जोडऩे वाला ब्रिज)

बढऩी - सिद्धार्थनगर (उत्तर में कृष्णा बाजार जो नेपाल के कपिल वस्तु में आता है.)

इंटरनेशनली जोडऩे के लिए यहां मिला फंड

- नौतनवां-भैरवां के बीच नई रेलवे लाइन 15 किमी के अंतिम स्थान सर्वेक्षण के लिए 8 लाख 42 हजार रुपए

- टनकपुर-बागेश्वर नई लाइन अंतिम स्थान सर्वेक्षण 158.58 किमी। के लिए 8 करोड़ 26 लाख 93 हजार रुपए

- नानपारा से नेपालगंज रोड के बीच 20 किमी। तक गेज कनवर्जन के लिए 18 लाख 34 हजार रुपए।

- नेपालगंज रोड से नेपालगंज 12 किमी। का अंतिम स्थान सर्वेक्षण 4 लाख 57 हजार।

- गोरखपुर-वाल्मिकीनगर 87 किमी। डबलिंग के लिए 71 लाख 10 हजार।

- बढऩी से काठमांडू तक 359 किमी। टोह इंजीनियरिंग के लिए 37 लाख रुपए।

रेलवे को नेपाल से जोडऩे की कोशिशें जारी हैं। विभिन्न रूटों पर सर्वेक्षण पूरा करने, डबलिंग और गेज कनवर्जन के लिए बजट जारी किया गया है। उम्मीद है इससे दोनों देशों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ेगी, जिससे आम यात्रियों के साथ ही देश को भी फायदा मिलेगा।

- पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनई रेलवे