गोरखपुर (ब्यूरो)। रीजनल स्टेडियम में कबड्डी, हॉकी, क्रिकेट, फुटबॉल, वालीबॉल, स्विमिंग, बैडमिंटन और एथलिट की ट्रेनिंग लेने के लिए बच्चों की भीड़ लग रही है, जिसमें बच्चों की पहली पंसद स्विमिंग है। जहां सारे गेम्स में कुल 320 खिलाड़ी ट्रेनिंग लेने आ रहे हैं। वहीं, केवल स्विमिंग में 400 से अधिक बच्चे और बड़े तैराकी सीख रहे हैं। स्विमिंग में अधिक बच्चे होने की वजह से कई शिफ्ट में तैराकी की ट्रेनिंग दी जा रही है।

कैसे बनेगा फिट इंडिया

एक तरफ पीएम खेलो इंडिया कैंपेन चला रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ गोरखपुर में खेल को लेकर अधिकारी जरा भी इंट्रेस्ट नहीं दिखा रहे हैं। यही वजह है, अधिकतर बच्चे मोबाइल की लत में पड़कर अपना जीवन खराब कर रहे हैं। साइकोलाजिस्ट सीमा श्रीवास्तव ने बताया, बच्चों के लिए खेलना बहुत ही जरूरी है। घर में बैठकर बच्चे मेंटली रूप से बीमार हो रहे हैं। ऐसे कई केस इधर आए हैं।

बच्चा खेलने की जिद करता है। ऐसे में उसे इधर-उधर भेजने से अच्छा मैंने रीजनल स्टेडियम में एडमिशन करा दिया है। रोज लेकर आती हूं। फिर वापस भी लेकर जाती हूं। इसी बहाने मेरी भी एक्सरसाइज हो जाती है।

संध्या यादव, पेरेंट

गोरखपुर में खेल के लिए काफी कम फैसिलिटी है। गिने चुने मैदान हैं, जहां पर खेलकूद होता है। इस समय उन जगहों पर खेलने आने वालों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। सवाल ये भी है कि और जाएं कहां।

अरुण चतुर्वेदी, पेरेंट

मैं तारामंडल से अपने बच्चे को लेकर रीजनल स्टेडियम आती हूं। यहां पर स्विमिंग की व्यवस्था है। मेरे हिसाब से स्विमिंग सबसे अच्छा एक्सरसाइज है। इसलिए मैं डेली उसे लेकर यहां आती हूं।

अनुपमा पाठक, पेरेंट

रीजनल स्टेडियम में इस समय कई खेलों का ट्रेनिंग कैंप लगाया गया है, जिसमें काफी बच्चे पार्टिसिपेट कर रहे हैं। सबसे अधिक बच्चे स्विमिंग के लिए आ रहे हैं। सभी गेम्स में मिलाकर जितने खिलाड़ी पार्टिसिपेट कर रहे हैं, उससे भी अधिक संख्या केवल तैराकी सीखने वालों की है।

आले हैदर, आरएसओ