गोरखपुर (ब्यूरो)। अब स्टूडेंट्स 8 से 16 सितंबर तक 500 रुपए लेट फीस के साथ रजिस्ट्रेशन और फीस पेमेंट कर सकते हैं। वीसी प्रो। पूनम टंडन ने स्टूडेंट्स और कॉलेजों की डिमांड को देखते हुए यह फैसला लिया।

3 अगस्त थी लास्ट डेट

बता दें कि ऑड सेमेस्टर में रजिस्ट्रेशन 17 जुलाई से शुरू हुआ। इसके बाद दो बार यह डेट एक्स्टेंड हुई और 3 अगस्त तक फीस पेमेंट किया गया। बावजूद इसके बड़ी संख्या में यूनिवर्सिटी कैंपस और एफिलिएटेड कॉलेजों के स्टूडेंट्स फीस जमा नहीं कर पाए। इसी को देखते हुए यूनिवर्सिटी ने फीस पेमेंट करने का एक और मौका दिया। अगर किसी स्टूडेंट का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ तो वह एग्जामिनेशन में शामिल नहीं हो पाएगा।

नहीं कम हुई फीस

सेल्फ फाइनेंस प्रोग्राम के ऑड सेमेस्टर में बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स रजिस्ट्रेशन नहीं कर पाए। इसकी सबसे बड़ी वजह थी फीस वृद्धि। यूनिवर्सिटी की ओर से नया फीस स्ट्रक्चर पहले से पढ़ रहे स्टूडेंट्स पर भी लागू कर दिया गया। इससे उनपर एक्स्ट्रा बर्डन आ गया। बीबीए थर्ड ईयर की फीस 18 हजार से 50 हजार तो वहीं एमबीए सेकेंड ईयर की फीस 68 हजार से एक लाख रुपए कर दी गई थी।

एलएलएम का वाइवा आज

यूनिवर्सिटी के एलएलएम सेकेंड सेमेस्टर के 'कांस्टीट्यूशनल लॉ ऑफ इंडिया-द न्यू चैलेंजÓ सब्जेक्ट को पढऩे वाले स्टूडेंट्स का वाइवा शुक्रवार को सुबह 10:30 बजे से होगा। डिपार्टमेंट के टीचर डॉ। शैलेश कुमार ङ्क्षसह ने स्टूडेंट्स को अपना असाइनमेंट लेकर डिपार्टमेंट में उपस्थित होने के लिए कहा है।

डॉ। सुधीर बने आइक्यूएसी के डायरेक्टर

गोरखपुर यूनिवर्सिटी की वीसी प्रो। पूनम टंडन ने मैथमेटिक्स और स्टैटिस्टिक डिपार्टमेंट के पूर्व अध्यक्ष व आचार्य प्रो। सुधीर कुमार श्रीवास्तव को आइक्यूएसी का डायरेक्टर बनाया है। यह जिम्मेदारी उन्हें दूसरी बार दी गई है। आक्यूएसी डायरेक्टर का कार्यभार वे प्रो। अजय ङ्क्षसह से ग्रहण करेंगे। वीसी ने यह फैसला 'वन टीचर वन पोस्टÓ के तहत लिया है। एक दिन पहले प्रो। शांतनु रस्तोगी ने कुलसचिव का पदभार भी प्रो। अजय ङ्क्षसह से लिया था। प्रो। अजय के पास पूर्व वीसी प्रो। राजेश ङ्क्षसह के कार्यकाल में आधा दर्जन से अधिक महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी थी। वहीं, प्रो। विनय सिंह के पास भी आधा दर्जन से ज्यादा महत्वपूर्ण पद हैं।