-दो साल से टेंपररी बस अड्डा दे रहा पैसेंजर्स को टेंशन
- यात्रियों को झेलनी पड़ती है लू, बरसात, गर्मी
-दो महीने से तैयार है बस अड्डा, नहीं हो सका संचालन शुरू
<-दो साल से टेंपररी बस अड्डा दे रहा पैसेंजर्स को टेंशन
- यात्रियों को झेलनी पड़ती है लू, बरसात, गर्मी
-दो महीने से तैयार है बस अड्डा, नहीं हो सका संचालन शुरू
GORAKHPUR: GORAKHPUR: गोरखपुर शहर हाइटेक हो रहा है। यहां के बस अड्डे आलमबाग, लखनऊ बस अड्डे की तरह बनाए जाएंगे। लेकिन कब ? ये बता पाना अधिकारियों के लिए मुश्किल है। अब कचहरी बस अड्डे को ही देखिए। पिछले दो साल से निर्माण कार्य के चलते टेंपररी बस अड्डा पैडलेगंज में बनाया गया। लेकिन पैसेंजर्स के लिए कोई सुविधा नहीं है। पैसेंजर्स बस के इंतजार में सड़क पर ही खड़े होकर लू, बरसात, गर्मी और ठंडक झेलने के लिए मजबूर है। अभी और कितने दिन पैसेंजर्स को प्रॉब्लम झेलनी है, ये कहा पाना कठिन है।
बस अड्डे पर फेल रही व्यवस्था
दो महीने से तैयार कचहरी बस अड्डे पर लेडीज वेटिंग रूम, कैंटिन, दिव्यांग टॉयलेट, लेडिज टॉयलेट, मेंस टॉयलेट, केन्द्र प्रभारी रूम, संचालन रूम, पूछताछ केन्द्र, बुकिंग रूम के अलावा सेकेंड फ्लोर पर अधिकारियों, कर्मचारियों के लिए 7 रूम बने हैं। बस अड्डे पर पेयजल के लिए ब्-भ् टोटियां लगी हैं। जो टूट चुकी हैं। वहां पानी लगने के कारण काई भी जमी हुई है। जबकि अभी बस अड्डे का उद्घाटन होना बाकी है।
जुट रहे शराबी
नाम ना छापने की शर्त पर एक कर्मचारी ने बताया कि सुनसान होने के कारण यहां अराजक तत्व भी आते रहते हैं। वहीं परिसर में गिरे शराब की बोतलें, प्लास्टिक के ग्लास और नमकीन के पैकेट्स भी इस बात का संकेत दे रहे है।
अधिकारी झाड़ रहे पल्ला
कचहरी बस अड्डे के बारे में पूछे जाने पर परिवहन निगम के अधिकारी अपना पल्ला झाड़ ले रहे हैं। उनका कहना है कि बस अड्डा शुरू करने की जिम्मेदारी कंपनी की है।
ख्.भ्0 करोड़ से तैयार हुआ बस अड्डा
ख्.भ्0 करोड़ रुपए की लागत से बनकर तैयार हुआ कचहरी बस अड्डे का निर्माण पिछले लगभग दो साल से चल रहा था। जो अब दो महीने से बनकर तैयार है।
फैक्ट फिगर
कचहरी बस अड्डे के निर्माण की लागत-ख्.भ्0 करोड़
कचहरी बस अड्डे से चलेंगी बसें-ब्00
डेली आने जाने वाले पैसेंजर्स- करीब 8 हजार
कोट-
गाजीपुर जाने के लिए बस का इंतजार कर रहे हैं। बैठने की कोई व्यवस्था नहीं है।
राहुल, गाजीपुर
इससे अच्छी व्यवस्था तो हमारे आजमगढ़ बस अड्डे की है। यहां सड़क पर खड़े होकर बस का इंतजार करना पब्लिक की मजबूरी है।
मुकेश वर्मा, आजमगढ़
ना कोई पूछताछ रूम ना कोई बस का स्टेटस बताने वाला, ये कैसा बस स्टेशन है। टॉयलेट का भी पता नहीं है।
रतनलाल, बनारस
यहां कई बार आ चुका हूं लेकिन व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं हुआ है। जबकि टिकट के साथ सुविधा शुल्क भी वसूला जात है।
सूरज श्रीवास्तव, बड़हलगंज
वर्जन-
बस अड्डा तैयार हो चुका है। इसे शुरू कराने की जिम्मेदारी कंपनी की है।
डीवी सिंह, आरएम